“सड़क सुरक्षा अभियान बच्चों के जरिए अभिभावकों तक जागरूकता का संदेश”

“शून्य दुर्घटना उद्देश्य हमारा
हर जीवन है हमको प्यारा!”
वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट लगातार प्रयासरत है कि हमारा जिला दुर्घटनामुक्त हो और असमय होने वाली मौतों से किसी का घर परिवार टूटे नहीं।इसी उद्देश्य को लेकर टीम वरदान लगातार विभिन्न स्कूल, कॉलेजों में और सड़कों पर लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक कर रही है ।इस टीम ने स्कूली बच्चों को लक्ष्य बनाया है ताकि भविष्य में वो सड़कों पर सावधान रहें और अपने अपने घर जाकर अपने अभिभावकों को सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने की गुजारिश करें।सैकड़ों बच्चों के जरिए एकसाथ उनके अभिभावकों के पास यह टीम अपना मेसेज पहुंचा रही है ताकि वे सुरक्षित रहें।इसी क्रम में आज टीम वरदान शाहपुर स्थित एस.एल.ए स्कूल पहुंची जहां इनका जोरदार स्वागत हुआ। उसके बाद टीम वरदान ने बच्चोः को सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी दी।ट्रैफिक प्रभारी शमाल अहमद ने बच्चों को सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने पर दिए जाने वाले दंड की जानकारी दी।इन्होंने कहा कि पुलिस आपकी मित्र है लेकिन अगर आपलोग सड़क सुरक्षा नियमों को तोड़ेंगें तो आपके लिए दंड का प्रावधान है।संस्था की सचिव शर्मिला वर्मा ने बच्चों से अपील की कि आपका जीवन अनमोल है ,इसे एक पल की लापरवाही से असमय न खोएं! युवा साथी मयूरेश द्विवेदी ने सभी बच्चों को सड़कों पर सावधान रहने के साथ साथ सड़क दुर्घटनाओं में होने वाले भयावह आंकड़े बताए। लक्ष्य श्रेष्ठ ने सभी बच्चों से अपील की कि उम्र से पहले गाड़ी चलाकर मौत को आमंत्रित न करें और बिना रायडिंग गियर के गाड़ी न चलाएं। पंकज लोचन ने सभी बच्चों और उनके अभिभावकों से अपील की कि बिना ड्राइविंग लाइसेंस और बिना हेल्मेट के गाड़ी को हाथ न लगाएं ।राखी सोनी ने सभी बच्चों को सड़क सुरक्षा नियमों का ईमानदारी से पालन करने की शपथ दिलाई।साथ ही राखी सोनी और स्नेहा ओझा ने सड़क सुरक्षा गीत भी गाया ।स्नेहा ओझा ने अंत में पूरे स्कूल प्रबंधन को इस कार्यक्रम में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।और तमाम स्कूलों से अपील की कि ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए टीम वरदान का सहयोग करें ।इस स्कूल के डायरेक्टर मुकेश अग्रवाल और प्राचार्य श्रीमति मधु अग्रवाल ने तमाम बच्चों से अपील की कि आज बताई गई बातों को आप सब अपने जीवन में उतारें और पूरी तरह से अमल करके अपने और अपने परिवार का जीवन सुरक्षित करें।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ