“राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में शिक्षकों के नवाचार पर केंद्रित मासिक संगोष्ठी”

आज का प्रशिक्षण, कल का निर्माण” विषय पर स्कॉलर बीएड कॉलेज में मासिक संगोष्ठी संपन्न

गिरिडीह:- स्कॉलर बीएड कॉलेज मे आईक्यूएसी के बैनर तले आज मंथली एज्यूकेशनल रिसर्च सेमिनार ( MERS) के अन्तर्गत विषय “सीखते शिक्षक : आज का प्रशिक्षण, कल का निर्माण” पर एक विशेष मासिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को बदलते शैक्षणिक परिवेश, नई तकनीकों, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रशिक्षित करना है, जिससे वे भविष्य के जिम्मेदार नागरिकों के निर्माण में प्रभावी भूमिका निभा सकें।
कार्यक्रम में प्राचार्या डॉ.शालिनी खोवाला ने अपने उद्बोधन भाषण में संगोष्ठी के विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि “सीखते शिक्षक : आज का प्रशिक्षण कल का निर्माण”
एक बहुत ही प्रेरणादायक और प्रभावशाली संदेश देता है।

यह केवल एक वाक्य नहीं है, बल्कि एक दर्शन है, एक ज़िम्मेदारी है और साथ ही एक अवसर भी।
डॉ खोवाला ने प्रशिक्षुओं को निरंतर सीखने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि जब एक विद्यार्थी सीखता है तो उसका भविष्य बदलता है लेकिन जब एक शिक्षक सीखता है, तब पीढ़ियाँ बदलती हैं। उपस्थित सभी प्रशिक्षुओं एवं शिक्षकों को इस परिवर्तन की प्रक्रिया में जोड़ने के लिए प्रेरित किया जहाँ शिक्षक बनता है भविष्य निर्माता — सीखते हुए, सिखाते हुए!”* शिक्षक बनना केवल एक पद को पाना नहीं बल्कि एक सतत यात्रा है — सीखने, बढ़ने और बदलने की तथा यह राष्ट्र निर्माण की सबसे महत्वपूर्ण दिशा है।

प्रशिक्षण सत्र में शिक्षकों को नवाचारपरक शिक्षण विधियाँ, मूल्य-आधारित शिक्षा, डिजिटल टूल्स का उपयोग, और शिक्षार्थी-केंद्रित शिक्षण रणनीतियाँ सिखाई गईं। कार्यशाला आधारित गतिविधियों और संवाद सत्रों के माध्यम से सहभागिता को बढ़ावा दिया गया।
प्राध्यापकौ ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल शिक्षकों की क्षमताओं को बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें जीवनपर्यंत शिक्षार्थी बनने के लिए प्रेरित भी करते हैं।

डॉ संतोष ने कहा कि यह पहल संस्थान के ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और नवाचार’ के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए और शिक्षकों के साथ सक्रिय संवाद किया और साथ ही कई प्रशिक्षणार्थियों ने भी अपने अपने मन्तव्यों को साझा किया।
कार्यक्रम के सफल संचालक प्राध्यापक डॉ.संतोष कुमार चौधरी एवं डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने महती भूमिका अदा की। इस मौके पर सभी प्राध्यापकगण, शिक्षकेतर कर्मचारी भी मौजूद रहे एवं उपस्थित अनेकों प्रशिक्षु छात्र- छात्राओं जिसमें सुनंदनी कुमारी, रौशन कुमार, नीलेश, ज्योतिष मुर्मू, शिल्पा चंद्र, सालेहा, साबिहा, उमाशंकर आदि अनेकों प्रशिक्षुओं ने अपना-अपना विचार भी व्यक्त किया एवं अपनी चुनौतीपूर्ण ज़िम्मेदारी के लिए प्रतिबद्ध रहने अन्य प्रशिक्षुओं को भी प्रेरित किया।