पत्थर खदान की हैवी ब्लास्टिंग से दहशत, 30 किलो का पत्थर उड़कर घर के बगल में गिरा, स्कूल के बच्चे बाल-बाल बचे
पलामू जिले के सतबरवा प्रखंड अंतर्गत कोटटोया, लकड़ाही और सतनी पहाड़ी जंगल क्षेत्र में पत्थर खदान के लिए चल रही लगातार हैवी ब्लास्टिंग ने पूरे इलाके में दहशत फैला रखी है। शुक्रवार दोपहर हुए एक जोरदार धमाके में लगभग 30 किलोग्राम वजनी विशाल चट्टान का टुकड़ा हवा में उछलकर 200-250 मीटर दूर एक घर के ठीक बगल में जा गिरा। गनीमत रही कि पत्थर जिस जगह गिरा, वहाँ से कुछ कदम की दूरी पर ही बच्चे स्कूल से बाहर खेल रहे थे। बच्चे और ग्रामीण जान बचाकर भागे, कोई हताहत नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने बताया कि पत्थर कटोरिया खदान कंपनी द्वारा पहाड़ी तोड़ने के लिए रोज़ भारी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है। धमाके इतने तेज होते हैं कि पूरा इलाका काँप उठता है और पत्थरों के टुकड़े दूर-दूर तक उड़कर गिर रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता यह है कि ग्राम पंचायत का प्राथमिक स्कूल ठीक खदान के नीचे स्थित है। बच्चे हर पल खतरे में हैं।
पीड़ित ग्रामीण बाबूलाल यादव, संतु यादव, श्याम बिहारी यादव, राजू भुईयाँ, शात देवी, ऐतवारिया देवी, किशनदेव राम, अंतू सिंह, उपेंद्र कुमार यादव सहित दर्जनों लोगों ने बताया,
“धमाके से बच्चे डर के डर से स्कूल जाना नहीं चाहते। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। हम लोग कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।”
चतरा लोकसभा क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि अनुज कुमार चंद्रवंशी ने भी गहरी चिता जताई है। उन्होंने कहा,
“आए दिन हो रहे इन हैवी ब्लास्टिंग से लोगों के घरों में दरारें पड़ रही हैं, बच्चे दहशत के साये में जी रहे हैं। यदि तुरंत ब्लास्टिंग पर रोक नहीं लगाई गई तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। मैंने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कराने की मांग की है।”
ग्रामीणों ने पलामू उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और खनन विभाग से तत्काल संज्ञान लेते हुए खदान में हो रही ब्लास्टिंग को पूरी तरह बंद करने और वैकल्पिक सुरक्षित तरीके अपनाने की गुहार लगाई है। लोग प्रश्न कर रहे हैं कि आखिर कब तक उनकी जान जोखिम में डालकर कोयला निकाला जाता रहेगा?

