प्रधान सचिव ने जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन के प्रगति की समीक्षा की

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव मस्त राम मीणा की अध्यक्षता में शुक्रवार को समाहरणालय के सभागार में जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन समेत पेयजल आधारित क्रियान्वित योजनाओं की समीक्षात्मक कार्यक्रम आयोजित की गयी।इस दौरान प्रधान सचिव ने वीडब्लूएससी को हैंडओवर किये गये स्कीम की जानकारी लेते हुए संबंधितों को स्थानीय मुखिया से वार्ता कर स्कीम हैंडओवर की प्रक्रिया में तेजी लाने की बात कही।एसवीएस इन्सेप्क्शन के तहत धीमी गति से कार्य होने संबंधी जानकारी ली गयी।इसी तरह फिजिकल कंप्लीशन और हैंडओवर,गांव वार एफएचटीसी कवरेज,हर-घर जल रिपोर्टिंग एंड सर्टिफिकेशन,जियो टैगिंग सहित अन्य बिंदुओं पर समीक्षा की गयी।

हम और आप शुद्ध पेयजल पीते हैं,यही अधिकार आमजनों को भी है:प्रधान सचिव

बैठक में प्रधान सचिव ने कहा कि हम और आप शुद्ध पेयजल पीते हैं,यही अधिकार आमजनों को है।उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना हमारी और आप सबों की प्राथमिकता होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि जिले में दो वाटर टेस्टिंग लैब है,इनमें कार्यरत कर्मियों का शेड्यूल तैयार कर सभी प्रखंडों में कुछ समय-समय पर पानी की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि योजनाओं के पूर्ण होने के पश्चात 5 साल तक संबंधित वेंदेर द्वारा ही उस योजना की देख-भाल करने की जवाबदेही है।ऐसे में छोटी-छोटी परेशानियों पर पेयजलापूर्ति बाधित ना हो,यह सुनिश्चित होना चाहिये।उन्होंने कहा कि सभी सरकारी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर नल से जल निर्बाध रूप से पहुंचे यह सुनिश्चित होना चाहिए।

सभी सहायक अभियंता समय-समय पर योजनाओं का निरीक्षण करना सुनिश्चित करें:अभियान निदेशक

बैठक में अभियान निदेशक ने कहा कि प्रायः पानी टँकी के खुले रहने,समय-समय पर सफाई नहीं होने की शिकायतें भी प्राप्त की जाती हैं।उन्होंने कहा कि यह छोटी शिकायतें का त्वरित निष्पादन करने पर बल दिया।उन्होंने कहा कि पेयजल की गुणवत्ता से महत्वपूर्ण कुछ नहीं होता।इसके साथ ही पेयजल की पाइप ज़मीन के दो फिट अंदर रहे,यह भी सुनिश्चित होना चाहिए।इसके अतिरिक्त उन्होंने कई अन्य बिंदुओं पर समीक्षा किया।बैठक में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत वित्तिय वर्ष 2025-26 में जिला को निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध प्रगति का अनुश्रवण,ग्राम स्तर पर स्वच्छता ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के क्रियान्वयन के लिये ग्राम योजना तैयार करने,स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत ग्राम स्तर पर निर्मित विभिन्न संरचनाओं यथा व्यक्तिगत घरेलू शौचालय,सामुदायिक स्वच्छता परिसर,गोबर गैस प्लांट,माहवारी स्वच्छता प्रबंधन,प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट,ओडीएफ गांवों का वेरीफिकेशन,ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से ग्राम स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन संबंधित संरचनाओं का निर्माण आदि विषयों पर समीक्षा किया गया एवं दिशा निर्देश दिए गये।मौके पर एसबीएम के निदेशक मनोहर मरांडी,उपायुक्त, उप विकास आयुक्त,मुख्य अभियंता अनिल प्रसाद,प्रभात कुमार सिंह समेत विभिन्न कनीय व सहायक अभियंता उपस्थित रहे।

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