पलामू सांसद ने नियम 377 के तहत झारखंड राज्य में विकास कार्यो के लिए भूमि उपल्बध नही होने के कारण केन्द्र सरकार द्वार स्वीकृत योजना का निर्माण नही होने से संबंधित महत्वपूर्ण मामले को उठाया।

गढ़वा:–आज लोकसभा में पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने नियम 377 के तहत झारखंड राज्य में विकास कार्यो के लिए भूमि उपल्बध नही होने के कारण केन्द्र सरकार द्वारा दो वर्ष पहले पलामू संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत दोनों जिला पलामू एवं गढ़वा में 20-20 मेगावाट का सोलर पार्क बनाने की स्वीकृत योजना का निर्माण नही होने से संबंधित अति महत्वपूर्ण मामले को उठाया।
श्री राम ने कहा कि झारखंड का 33 प्रतिशत भू-भाग वनों से अच्छादित है। फलस्वरूप विकास कार्यो के लिए भूमि की उपलब्धता नगण्य है।
अधिकांश भूमि 1930 के सर्वे के अनुसार जंगल या झाड़ी के रूप में चिन्हित हैं। 100 वर्ष पूर्व के सर्वे के आधार पर वह भूमि आज भी जंगल-झाड़ से अच्छादित दिखाई जा रही है परन्तु उक्त जमीन पर वर्तमान में एक भी पेड़ नहीं है। विकास की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए वैसी भूमि के लिए भी Forest Clearance की सारी प्रक्रिया अपनानी होती है। आज करीब दो वर्ष पूर्व केन्द्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने पलामू एवं गढ़वा जिला में 20-20 मेगावाट का सोलर पार्क बनाने की स्वीकृति प्रदान की थी और उसके लिए 100-100 एकड़ भूमि की आवश्कता बतलायी थी परंतु जिला प्रषासन ने जिस भूमि को चिन्हित किया वह जंगल-झाड़ वाली भूमि निकल गयी। परिणामस्वरूप सोलर पार्क बनाने की योजना अधर में लटक कर रह गयी है।
सांसद ने कहा कि आपके माध्यम से केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुरोध है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को संषोधित करने के लिए भारत सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर विचार करें या वन अधिनियम 1980 के प्रावधानों में परिवर्तन कर ऐसी जमीन जिसकी प्रकृति बदल गयी है उसे जंगल झाड़ की परिधि से बाहर निकाल दें। इस बीच राज्य सरकार को यह Advisory निर्गत किया जाय कि वही Forest Clearance की सारी प्रक्रिया पूरी कर 100-100 एकड़ पलामू जिला एवं गढ़वा जिला में उपलब्ध करायें ताकि वहाँ पर Solar Park स्थापित हो सके। उक्त जानकारी सांसद के निजी सचिव अलख दुबे ने दी है।