पांकी में अनाथ बच्चे का सहारा बना विद्यालय परिवार, हर ज़रूरतें कर रहा पुरी
पांकी में अनाथ बच्चे का सहारा बना विद्यालय परिवार, हर ज़रूरतें कर रहा पुरी
3 वर्ष पूर्व करंट लगने से पिता की हो गई थी मृत्यु मां की दूसरी शादी होने के बाद अनाथ हो गया था बच्चा
पांकी प्रखंड के अत्यंत सुदूरवर्ती होटाई पंचायत स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बनई के प्रधानाध्यापक संतोष कुमार के अनूठे पहल पर विद्यालय में अध्यनरत आदिवासी समाज के अनाथ बच्चे शिवम कुमार की सभी आवश्यकताएं विद्यालय परिवार माता-पिता की भांति पूरी कर रहा है।
आपको बता दें की वर्ष 2023 में छात्र शिवम कुमार सिंह का दाखिला विद्यालय में हुआ था तब से लेकर विद्यालय परिवार की ओर से उसे सरकारी लाभ के अलावे अन्य आवश्यकताएं भी पूरी की जा रही है बच्चे के पठन-पाठन से लेकर खाने-पीने, पोशाक समेत उसके स्वास्थ्य की भी देखरेख विद्यालय परिवार कर रहा है, छात्र शिवम कुमार सिंह विद्यालय में पहली कक्षा का छात्र है व वह प्रत्येक दिन विद्यालय आता है, विद्यालय अवधि के पश्चात इसकी देखरेख उसके दादा भुनेश्वर सिंह करते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 3 वर्ष पूर्व छात्र शिवम कुमार सिंह के पिता की मृत्यु बिजली करंट लगने से हो गई थी व कुछ महीने बाद मां की दूसरी शादी भी हो गई जिसके बाद से वह पूरी तरह अनाथ हो गया था व उसकी जिम्मेदारी बूढ़े दादा दादी ने संभाली, वर्ष 2023 में उसका दाखिला राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बनई में हुआ, इसके बाद विद्यालय प्रबंधन समिति ने छात्र की हर आवश्यकताऐं पूरी करने का निर्णय लेने के साथ उसे गोद ले लिया, विद्यालय की रसोइया ,शिक्षक समेत प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बच्चे का खास ख्याल रखते हैं चुकी अनाथ होने के बाद बच्चे की स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों एवं संतुलित भोजन नहीं मिलने के कारण बच्चा कुपोषण का भी शिकार हो गया था लेकिन फिलहाल उसकी स्थिति बेहतर है।
विद्यालय प्रबंधन के इस अनूठे प्रयास की जानकारी होने के बाद जब पत्रकारों की टीम विद्यालय पहुंची जहां बच्चा पूरी तरह से यूनिफॉर्म पहने पाया गया, इस संबंध में प्रधानाध्यापक संतोष कुमार ने बताया कि पूरे विद्यालय परिवार ने बच्चे को गोद लिया है, बच्चे की छोटी बड़ी हर आवश्यकताऐं विद्यालय परिवार पूरी कर रहा है ताकि उसे किसी तरह की दिक्कत ना हो व वह ठीक ढंग से पढ़ाई कर कामयाब बना सके। प्रधानाध्यापक संतोष कुमार ने यह भी बताया कि बच्चों के भविष्य को लेकर वह चिंतित हैं बच्चे की मदद को लेकर वे जिला कल्याण पदाधिकारी से मुलाकात कर मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत छात्रवृत्ति की मांग भी कर चुके हैं।
