पांकी के ताल पंचायत में कल्याण विभाग की योजनाओं में मची लूट, मानक के अनुसार नहीं हो रहा कार्य, अधिकारी मौन
पांकी प्रखंड के ताल पंचायत के हिरिंगबार एवं आबुन गांव में कल्याण विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं में लूट मची हुई है, योजनाओं में मानक के अनुसार कार्य बिल्कुल ही नहीं हो रहा। ताल पंचायत के हिरिंगबार गांव में सरना स्थल चारदीवारी का कार्य प्रारंभ है जहां निर्माण कार्य में घोर अनियमितता बरती जा रही है, चारदीवारी के निर्माण कार्य में स्थानीय नदी से मिट्टी युक्त घटिया बालू ,बांग्ला ईंट का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है एवं प्लिंथ की ढलाई मात्र 5 से 6 इंच ही की गई है यही नहीं प्लिंथ में मानक के अनुसार सरिया का उपयोग ना करते हुए 8 एमएम का सरिया लगाया गया है, मामले की जानकारी देते हुए लाभुक समिति के सचिव परमदेव सिंह ने बताया कि प्लिंथ की ढलाई 4 से 5 इंच की गई है एवं जो बालू लगाया गया है वह बिल्कुल अच्छा नहीं है ऐसे में कार्य की मजबूती पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं उन्होंने यह भी बताया कि कार्य के अध्यक्ष बैजनाथ सिंह हैं उन्हीं के देखरेख में कार्य हो रहा है। उन्होंने इस संबंध में एक और बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि बिचौलिया के द्वारा अध्यक्ष सचिव के नाम से योजना को लेकर खुले खाता के सारे दस्तावेज व चेक बुक साइन करवा कर जप्त भी कर लिए गए हैं उनके पास किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं है। मामले के संबंध में नाम नहीं बताने के शर्त पर स्थानीय ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कार्य गुणवत्ता पूर्ण न होने के साथ-साथ चार दिवारी का क्षेत्रफल भी काफी कम है। वहीं आबुन गांव में निर्माणाधीन सरना चार दीवारी निर्माण कार्य में भी घोर अनियमितता बरती जा रही है यहां भी लगभग वही हाल है, कार्य के संबंध में कुछ दिन पूर्व स्थानीय ग्रामीणों ने कार्य का विरोध भी किया लेकिन बिचौलियों ने उनकी एक नहीं सुनी।
मौके पर मौजूद ग्रामीण पूरन सिंह महेंद्र यादव सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि कार्य मानक के अनुसार बिल्कुल ही नहीं किया जा रहा विरोध करने पर उल्टा उन्हें धमकी दी जाती है।
ग्रामीणों ने बताया कि आदिवासियों के उत्थान एवं विकास के लिए झारखंड सरकार के द्वारा इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतरा जा रहा है लेकिन चंद बिचौलियों के कारण योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रही है, ग्रामीणों ने अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से मानक के अनुसार कार्य कराने की मांग की है ताकि आदिवासियों को उनका हक अधिकार मिल सके।
मामले के संबंध में जब जिला कल्याण पदाधिकारी से दूरभाष से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल का उत्तर नहीं दिया।
इस संबंध में ग्राम पंचायत ताल के मुखिया अनीता लोहरा ने बताया कि कार्य कार्य को लेकर उनके द्वारा ग्राम सभा की गई थी, उस दौरान ग्रामीणों को गुणवत्तापूर्ण कार्य कराने की भी हिदायत भी दी गई थी, यदी इस तरह का मामला है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है एवं आदिवासियों के हक अधिकार का हनन है।
इस संबंध में प्रखंड प्रमुख पंचम प्रसाद ने बताया कि मामले की जानकारी उन्हें मिली है प्रखंड में करोड़ों की लागत से कई दर्जन योजनाएं संचालित हैं कई योजनाएं में बड़ी अनियमितता एवं बिचौलियागिरी की जानकारी उन्हें मिली है, शीघ्र ही स्थल भ्रमण कर उच्च अधिकारियों से संपर्क कर कार्रवाई की जाएगी ताकि सरकारी राशि का बंदर बांट ना हो।

