पांकी के कोनवाई में लगा मेला,बङे उत्साह के साथ लोग मेला देखते नजर आए

पांकी के कोनवाई में लगा मेला,बङे उत्साह के साथ लोग मेला देखते नजर आए
पलामू:-जिले के पांकी प्रखंड अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में बड़े ही धूमधाम के साथ दूर्गा पूजा मनाया गया।बताते चले कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सादगी तौर तरीके से कोनवाई में मेला का आयोजन भी किया गया।मेला में खुब तरह-तरह की मिठाईयां,खिलौने,से लेकर बहुत तरह-तरह की समाग्री का ब्रिकी भी हो रही थी।मेले में आए बड़े ही उत्साह के साथ लोग मेले में आवश्यक समाग्रियों को खरीद रहे थे। दशहरे का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है।इस दिन आयुध पूजा भी की जाती है।इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का किया था वध।इस दिन रावण का पुतला दहन करने से सभी अवगुणों का होता है नाश।विजयदशमी का पावन पर्व असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है।मालूम कि विजयदशमी का पावन पर्व प्रेम,भाईचारा और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था और मां भगवती ने नौ रात्रि और दस दिनों के युद्ध के बाद महिषासुर का वध कर देवता और पृथ्वी लोक को उसके अत्याचार से बचाया था।नौ दिनों की नवरात्रि की समाप्ति के साथ दशहरे का पावन पर्व मनाया जाता है।इस दिन विधि विधान से मां भगवती और भगवान श्री राम की पूजा अर्चना करते हैं।धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सकारात्मकता का प्रसार होता है। इस दिन रावण का पुतला दहन करने से सभी अवगुणों का नाश होता है। वहीं विजयदशमी के दिन शस्त्र पूजन का भी विधान है, लोग शस्त्र पूजन कर विजय की कामना करते हैं।कहा जाता है कि हिंदू पंचांग के अनुसार दशहरे का पावन पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था,इसे असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है।भगवान राम ने रावण का वध अष्टमी व नवमी के संधि काल में किया था।मालूम कि सनातन हिंदू धर्म में विजयदशमी का विशेष महत्व है।इस दिन भगवान राम की पूजा अर्चना करने से सभी कष्टों का नाश होता है और विशेष फल की प्राप्ति होती है।तथा रावण का पुतला दहन करने से सभी अवगुणों का नाश होता है।इस दिन मां भगवती की मूर्ती का विसर्जन भी किया जाता है।परिणाम स्वरूप कि इस बार कोनवाई में मूर्ति विसर्जन बुधवार को बङे ही धुमधाम के साथ किया गया। मेले को देखने के लिए लोगों की कतार देर शाम तक देखने को मिली।