ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन
ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, मेदिनीनगर के प्रांगण में दिनांक 26/08/2024 दिन सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. के. सिंह के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। प्रार्थना सभा की रौनक देखते ही बन रही थी। जिसमें कक्षा प्री-नर्सरी से तृतीय तक के छात्र-छात्राएँ कृष्ण, राधा एवं सुदामा का आकर्षक वेश-भूषा धारण कर अपने रूप का प्रदर्शन कर रहे थे। यह दृश्य बड़ा ही मनमोहक प्रतीत हो रहा था। ऐसा लग रहा था, मानो हम सभी गोकुल एवं वृन्दावन की धरती के दर्शन कर रहे हैं। कृष्ण का बाल-रूप बड़ा ही निराला था, जो मन को मोहित कर रहा था। सबकी दृष्टि मंच पर ही एकाग्र थी। कक्षा सातवीं की छात्राओं ने भक्त्ति गीत ‘मैया मोहे दाऊ बहुत खिझायो’ और ‘पायो जी मैंने राम-रतन धन पायो’ गीत गाकर सबका मन मोह लिया। कक्षा द्वादश की जिया और श्रुति ने ‘‘तुम इतना न करियो सिंगार’’ गीत पर अनुपम प्रस्तुति दी। विद्यालय के चारों सदनों की छात्राओं के द्वारा मनोरम एकल नृत्य की प्रस्तुति दी गई। पूजा भारती बायरन सदन, अर्पना यादव इलियट सदन, अंशिका पाण्डे कीट्स सदन तथा जिज्ञासा कुमारी शेक्सपियर सदन से अपनी प्रस्तुति दी। छात्रों के कदम ‘‘अच्युतम् केशवम् कृष्ण दामोदरम्’’ जैसे कई गीतों पर पर थीरके। इस अवसर पर विद्यालय में मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में इलियट सदन – प्रथम, कीट्स सदन – द्वितीय, तथा बायरन सदन – तृतीय स्थान पर रहे। माखन चोरी और सुदामा मिलन जैसे कृष्ण की बाल लीलाओं पर लघु नाट्य का मंचन मनोरंजन का मुख्य केंद्र था।
इस मौके पर उपस्थित प्राचार्य डॉ॰ ए॰ के॰ सिंह ने विजित सदन एवं छात्रों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि जिस प्रकार राक्षसों का वध करने के लिए त्रेतायुग में श्रीराम ने जन्म लिया था। उसी प्रकार द्वापर युग में अधर्म का नाश करने के लिए और धर्म की स्थापना करने के लिए श्री कृष्ण ने इस धरती पर जन्म लिया था। विभिन्न अवसरों पर छात्रों को सदन के माध्यम से प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर सदैव दिया जाता है। विद्यालय मंच से ही भविष्य की दिशा तय हो सकती है, अतः दो कदम बढ़कर अपना प्रदर्शन करें। कृष्ण के अच्छे गुणों को हमें आत्मसात करना चाहिए। जिस प्रकार श्री कृष्ण ने गीता में कर्म करने का उपदेश दिया उसी प्रकार हमें अपने सामर्थ्य के अनुसार कर्म करतेे रहना चाहिए। कर्म पर हमारा अधिकार है परंतु फल पर नहीं। अच्छा कर्म करेंगें तो अच्छा फल मिलेगा और बुरा कार्य करेंगें तो बुरा फल मिलेगा। इसलिए हमें सदा अच्छे कर्म ही करने चाहिए। मंच संचालन पूजा भारती एवं तनु प्रिया के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएँ उपस्थित थे।