मतदान लोकतंत्र की आधारशीला है—-एम पी केशरी

मतदान लोकतंत्र की आधारशीला है-एम पी केशरी।
बच्चों के बीच फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी पर किया गया सेमिनार।बच्चे अपने सगे संबंधियों को मतदान के लिए करें प्रेरित। स्थानीय जीएन कॉन्वेंट(10+2) स्कूल में मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए विद्यालय के सभागार में सेमीनार का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने बड़े ही उत्साह के साथ भाग लिया।
अपने सम्बोधन में निदेशक ने कहा कि भारत लोकतंत्र प्रणाली का जननी है।यह देश विश्व में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक व्यवस्था वाला देश है।आज यह सेमिनार आपके लोकतंत्र के ज्ञान के लिए आयोजित किया गया है। आप सभी कल के युवा और जिम्मेदार नागरिक बनने की ओर हैं। आप सभी को सफल मतदान और मतदाता के कार्य और अधिकार जानने की आवश्यकता है ताकि इसी लोकसभा चुनाव में आप अपने सगे संबंधियों, माता पिता और गाँव मुहल्ले में बस्ती वाले को मतदान में जाने के लिए प्रेरित करें, मतदान का महत्व की जानकारी दें। सही मतदान और ईमानदार छवियों वाले उम्मीदवारों का चुनाव भी एक देशभक्ति ही है। जिसकी आयु 18 वर्ष का हो जाता है वह मतदान करने का अधिकार रखता है, ऐसा हमारा संविधान ने अधिकार भारत के युवा वर्ग को दे रखी है।वहीं युवा मतदाताओं को राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। मतदान लोकतंत्र की नींव है।भारत में प्रत्येक नागरिक को इसमें भाग लेने काअधिकार है। पहले बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया होती थी लेकिन वर्तमान समय में ईवीएम मशीन के माध्यम से चुनाव कराया जाता रहा है वहीं समय समय पर निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा कई नियमों का समावेश किया जाता रहा है। मतदान नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों को चुनने और निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने के अधिकार का प्रयोग करने की अनुमति देता है।लोकतंत्र में मतदान एक निष्पक्ष औऱ पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करता है, सामाजिक और राजनीतिक समानता को बढ़ावा देता है।उच्च मतदान प्रतिशत लोकतांत्रिक प्रणाली की वैधता और विश्वसनीयता को मजबूत करता है।मतदान न केवल एक अधिकार है बल्कि एक नागरिक कर्तव्य भी है और इसका प्रयोग करके व्यक्ति लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और देश की समग्र प्रगति में अहम योगदान देते हैं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में उपप्राचार्य बसंत ठाकुर, शिक्षक संजीव कुमार, खुर्शीद आलम, मुकेश भारती, नीरा शमी, सरिता दूबे, रिजवाना शाहीन,नीलम कुमारी, सुनिता कुमारी, सुषमा तिवारी, सुष्मिता कुमारी, शिवानी कुमारी,अभिषेक पांडेय, संतोष प्रसाद, आदि की भूमिका सराहनीय रही।