मतदान का सही निर्णय ही देश को सशक्त बनाता है
मतदान का सही निर्णय ही देश को सशक्त बनाता है।
मतदान लोकतंत्र का आधार है।
स्थानीय जीएन कान्वेंट स्कूल में आगामी विधानसभा चुनाव को मद्दे नजर रखते हुए छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों के बीच मतदान सह मतदाता जागरूकता विषय पर कार्यक्रम आयोजित कर किया गया जिसके अंतर्गत मतदान की महत्ता पर परिचर्चा की गई। अपने संबोधन में विद्यालय के निदेशक शिक्षाविद मदन केशरी ने कहा कि मतदान लोकतंत्र का आधार है। मतदाता जागरूकता अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है जो लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है।यह अभियान लोगों को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक करता है और उन्हें वोट डालने की प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करता है। मतदान के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए बच्चों से अपने माता-पिता, संबंधियों जैसे नाना-नानी,दादा- दादी,चाचा-चाचा, मौसा-मौसी,मामा-मामी आदि सभी को पत्र लेखन और फोन के माध्यम से जानकारी करने के लिए,उन्हें वोट के प्रति जिम्मेदार और सही एवं ईमानदार छवि वाले उम्मीदवार को ही चयन करने की अपील करते हुए सच्चे नागरिक बनने के महत्व को बताते के हुए पत्र लेखन के विषय में कहा गया। मतदाता जागरूकता अभियान आम लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और निर्णय के बारे में जानकारी प्रदान करता है।यह उन्हें सही निर्णय लेने में मदद करता है और सोच समझकर वोट डालने के महत्व को समझता है। सही मतदान से मानवाधिकारों की रक्षा और समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है।मतदान करना किसी भी लोकतंत्र में नागरिक का अधिकार ही नहीं बल्कि संविधान द्वारा दिया गया मौलिक और नैतिक कर्तव्य और अधिकार भी है। जब कोई नागरिक मतदान करके अपने कर्तव्य को निभाते हैं तो वह अपनी चुनी हुई सरकार से सवाल भी पूछ सकता है इसलिए पहले मतदान करके अपने लोकतांत्रिक दायित्व को निभाएं फिर लोकतंत्र में स्वतंत्र भाव से जीने का सोचें। मतदाता जागरूकता अभियान समाज में जागरूकता और समर्थ को बढ़ावा देता है और लोकतंत्र की मजबूती में अहम भूमिका निभाता है। अक्सर चतुर, चालाक राजनीतिज्ञ जनता का मत चुनाव के अवसर पर पाने के लिए अनेक प्रकार के प्रलोभन और सब्जबाग दिखाया करते हैं।जनता को तरह-तरह के आश्वासन और झांसे भी दिया करते हैं। अब यह मतदाता पर निर्भर करता है कि वह उनके सफेद झांसे में जाता है कि नहीं। फिर भी आज का मतदाता बड़ा ही जागरूक,सजग और सावधान है।वह लोकतंत्र और चुनाव का अर्थ और महत्व भली प्रकार समझता है। अतः चुनाव के समय की गई घोषणाओं को ही उसे सामने नहीं रखना चाहिए बल्कि निर-क्षीर विवेक से काम लेकर उपयुक्त, ईमानदार और जनहित के लिए प्रतिबद्ध व्यक्ति के पक्ष में ही मतदान करना चाहिए तभी सच्चे अर्थों में वास्तविक लोकतंत्र की रक्षा संभव हो सकती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में उपप्राचार्य बसन्त ठाकुर, शिक्षक वीरेंद्र शाह,खुर्शीद आलम, मुकेश भारती, चंदन कुमार,कृष्ण कुमार,नीरा शर्मा,नीलम कुमारी,सुनीता कुमारी, शिवानी कुमारी, सरिता दुबे, संतोष प्रसाद आदि की भूमिका सराहनीय रही। मंच का संचालन बसन्त ठाकुर जबकि धन्यवाद ज्ञापन खुर्शीद आलम ने की।