मात्र पांच महीने में ही करोड़ों की लागत से बना पुल में आने लगा दरार

करोड़ो की लागत से बना पुल मे पांच महीना मे ही दरारे फटी।
ग्रामीण ने कहा फिर से तोड़कर पुल की गुणवत्तापूर्ण विभाग कराये काम
ग्रामीणो की सुचना पर नवनिर्मित पुल मे फटी दरारो को देखने पहूँचे विधायक प्रतिनिधि व प्रखंड बीस सुत्री अध्यक्ष ने कहा पुल निर्माण कार्य मे संवेदक द्वारा घोर लापरवाही का नतीजा है पुल मे फटी दरारे।
मनिका: प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत मनिका प्रखंड के नामुदाग चेचेन्धा पथ के द्वारकाराम नाला मे बना पुल मे पांच माह मे ही दरारे फट गई। ग्रामीण उक्त पुल के गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे है ।नवनिर्मित पुल मे दरारे फट जाने की ग्रामीणो से मिली सुचना पर सोमवार दिन को विधायक प्रतिनिधि दरोगी यादव व बीस सुत्री प्रखंड अध्यक्ष विश्वनाथ पासवान नवनिर्मित पुल को देखने पहुंचे। जहां पर बीस सुत्री प्रखंड अध्यक्ष ने बताया की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत उक्त पुल का निर्माण कार्य आरईओ विभाग के देखरेख मे संवेदक अजीत कुमार द्विवेदी अम्बवाटीकर लातेहार के द्वारा कराया गया है ।आगे बीस सुत्री अध्यक्ष ने पुल के निर्माण कार्य मे गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा की पुल निर्माण के पुर्ण हुए पांच माह भी नही बीता है और पुल मे दरारे फट जाना संवेदक के द्वारा काम मे घोर लापरवाही बरतने का नतीजा है। इसकी शिकायत विभागीय स्तर पर किया जायेगा ताकी उक्त पुल मे फिर से गुणवत्तापूर्ण कार्य को कराया जा सके ।वही विधायक प्रतिनिधि ने कहा की सरकार के करोड़ो रूपया की लागत से बना पुल मे घटिया कार्य के कारण ग्रामीणो का सपना साकार नही हो पा रहा है ।विभाग वैसे लापरवाह संवेदक पर कारवाई करे ।रांकी कला के मुखिया पति मथुरा उरांव मनोज यादव सहित कई ग्रामीणो ने कहा की पुल निर्माण कार्य शुरू होने के बाद काम को न तो विभाग के पदाधिकारी कभी देखने आया और न ही कभी संवेदक। नतीजा सबके सामने है ।गांव के लिए महत्वपूर्ण उक्त पुल के पांच माह भी नही बीता की पुल मे दरारे फट गई। ग्रामीणो का कहना है की नवनिर्मित पुल की फटी दरारे को जल्द नही बनाया गया तो पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है जिससे की जान माल की भी क्षति होने की संभावना है ।मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत लगभग चार करोड़ रूपये की लागत से पुल का निर्माण कराया गया है ।जहां पर संवेदक के द्वारा पुल निर्माण कार्य मे घटिया काम के कारण पुल के भविष्य पर ग्रामीण सवालिया निशान खड़ा कर रहे है ।बताया जाता है की मनिका प्रखंड मे कई ऐसी पुल पुलिया सड़क की योजनाऐ है जहां पर निर्माण कार्य के दौरान न तो संवेदक और न ही विभाग के कनीय अभियंता मौजूद रहते है ।नतीजतन सरकार के महत्वकांक्षी योजना धरातल पर आने से पहले ही दम तोड़ती नजर आती है ।वही विभागीय उदासीनता के कारण संवेदक ऐनकेन काम को पुर्ण कर अपनी काली कमाई निकाल बड़ी आसानी से चलते बनते है ।जहां पर सरकार के प्रयास के बावजूद आम जनता की समस्या बनी की बनी रह जाती है ।