मानवीय मूल्यों को आत्मसात कर मानव कल्याण के लिए समर्पित करें:-आचार्य धर्मराज
मानवीय मूल्यों को आत्मसात कर मानव कल्याण के लिए समर्पित करें:-आचार्य धर्मराज
शहर के महावीर जी भवन परिसर में आयोजित 43वाँ रामचरितमानस परायण महायज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चार से शहर गूंज रहा है।मानस नगरी रजवरिया से पधारे आचार्य धर्मराज पाण्डेय के नेतृत्व में जारी महायज्ञ में मुख्य यजमान राजेश सिंह व उनकी धर्म पत्नी जुली सिंह, सहायक पाठ कर्ता के रूप में सौरभ पाण्डेय,नवनित मिश्रा, संजय पाठक, रविंद्र मिश्रा,, पियूष मिश्रा, शिवम पाण्डेय शामिल हैं।आचार्यो द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण से शहर में भक्ति की बयार है।वही संध्या आरती में श्रद्धालु उपस्थित हो कर सुखमय जीवन की कामना कर रहे है। संध्या आरती में आचार्य धर्मराज पांडेय ने कहा कि आज विश्व स्तर पर आपसी प्रेम व समन्वय का ह्रास हुआ है। मानवीय मूल्यों को जीवित रखने की जरूरत है।हम सभी को मानवीय मूल्यों को आत्मसात कर मानव जीवन की कल्याण के लिये समर्पित होना होगा।मौजूदा दौर में मानवीय संवेदनाओं को को बरकरार रखने की जरूरत है । कार्यक्रम को सफल बनाने में मंदिर के पुजारी गोपाल पाठक, महायज्ञ समिति के अध्यक्ष राजेंद्र पाल, संतोष कुमार, सूरज प्रसाद गुप्ता,मनीष,पप्पू, कल्लू, आदि सक्रिय हैं।

