लघुकथा शोध केन्द्र समिति ने मनीषा सहाय को “लघुकथा श्री सम्मान” प्रदान किया गया
लघुकथा शोध केन्द्र समिति ने मनीषा सहाय को “लघुकथा श्री सम्मान” प्रदान किया गया।
रांची , लघुकथा शोध केन्द्र समिति( भोपाल) द्वारा हिन्दी भवन में अखिल भारतीय लघुकथा शोध संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का ,एक दिवसीय आयोजन सफलता के साथ सपन्न हुआ। राँची (झारखंड ) से मनीषा सहाय ‘सुमन’ को एकल लघुकथा संकलन ” बूँद बूँद जिंदगी” के लिये कृति सम्मान 2025 “लघुकथा श्री सम्मान” प्रदान किया गया।
इस अवसर बूँद -बूँद जिंदगी” लघुकथा संकलन का विमोचन समारोह की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व साहित्य अकादमी निदेशक *डाॅ देवेन्द्र दीपक जी के कर कमलों से संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान के निदेशक डाॅ प्रज्ञेश अग्रवाल थे। कार्यक्रम में सुभाष नीरव जी, डाॅ मिथिलेश अवस्थी जी,विजय जोशी जी एवं लघुकथा शोध केन्द्र समिति की अध्यक्ष कांता राय, उपाध्यक्ष गौकुल सैनी , सचिव घनश्याम मैथिल जी का सान्निध्य प्राप्त हुआ । चार सत्र में विभाजित कार्यक्रम में लघुकथा के जनक पंडित माधव राव सप्रे जी की लघुकथा ” एक टोकरी मिट्टी” के वाचन से आरंभ हुए, इस आयोजन में सम्मान समारोह , कई पुस्तकों का लोकार्पण, शोध आलेखों का वाचन के साथ लघुकथाओं का पाठ किया गया, जिसमें पंजाब से आए लघुकथाकारों नें बेहतरीन कथाओं का वाचन किया। डॉ. मिथलेष अवस्थी जी व सुभाष नीरव जी को सुनना, डॉ. देवेन्द्र दीपक जी की सारगर्भित बातें जिसमे उन्मेष हमारा लक्ष्य होना चाहिए, लेखक , रचनाकारों को हर दिन खुद को माँजते रहना चाहिए।
यही सृजन की परम अवस्था है। लघुकथा की तरह ही सटीक और सारगर्भित दिशा निर्देशों से भारी सार्थक शोध संगोष्ठी के लिये समस्त लघुकथा केन्द्र की टीम को धन्यवाद के साथ अनंत शुभकामनाएँ दी गई।
