क्या है अराकान सेना, ने रोहिंग्या मुस्लिमों को करना चाहती है खात्मा

म्यांमार में तख्तापलट के बाद भी संघर्ष जारी है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लगभग 45,000 रोहिंग्या अपने घरों को छोड़कर भाग गए हैं। हिंसा की वजह से बड़ी संख्या में रोहिंग्या पलायन कर गए हैं, विशेष रूप से राखाइन समेत आसपास के प्रांतों में।
आराकान आर्मी ने म्यांमार की सेना और पुलिस को निशाना बनाना शुरू किया है, जिससे रोहिंग्या पर अधिक दबाव पड़ा है। आराकान की वजह से रोहिंग्या मुसलमान कहीं के नहीं रहे हैं, जो आराकान आर्मी खुद को उनकी हितैसी बताती है, लेकिन ऐसा नहीं है।
जानकारी के अनुसार, इस देश में बहुसंख्यक बौद्ध रोहिंग्या मुसलमानों को बाहरी बताते है। आराकान आर्मी दावा करती है कि वह राखाइन प्रांत के लोगों के हित के लिए लड़ाई लड़ रही है। लगभग 6 लाख रोहिंग्या मुसलमान इस क्षेत्र में रहते थे, लेकिन अब तक 20 लाख से ज्यादा रोहिंग्या बांग्लादेश या सीमाई इलाकों में शिफ्ट हो चुके हैं। यूएन राइट्स ऑफिस के प्रवक्ता एलिजाबेथ थ्रोसेल ने बताया कि बुथिदाउंग और माउंगदा में हाल ही में हुए दंगे के बाद 10 हजार से ज्यादा रोहिंग्या पलायन कर गए हैं।