झारखण्ड शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में बी०एड० एवं डी०एल०एड० 2025 – 27 के प्रशिक्षुओं का सत्रारंभ का हुआ आगाज
झारखण्ड टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, झुमरी तिलैया, कोडरमा में बी०एड० एवं डी०एल०एड० सत्र 2025 – 27 के प्रशिक्षुओं का सत्रारंभ एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन ” राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं भारतीय ज्ञान परम्परा के संदर्भ में शिक्षक शिक्षा की भूमिका” विषय पर आधारित व्याख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की शुरूआत महाविद्यालय के सचिव डॉ० डी०एन० मिश्रा, मुख्य अतिथि जिला शिक्षा पदाधिकारी अविनाश राम, जिला शिक्षा नियोजन पदाधिकारी प्रकाश बैठा, दानदाता सदस्या श्रीमती कला देवी, प्राचार्य डॉ०ए०के०यादव, सचिव ए०पी०मेमोरियल लॉ कॉलेज गयाजी डॉ० प्रियंका मिश्रा ने सरस्वती प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन एवं पुष्प अर्पित कर किया । सोसाइटी के अंतर्गत संचालित विभिन्न महाविद्यालयों से पधारे सभी प्राचार्य एवं शिक्षकों ने भी सरस्वती प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया । कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत पुष्प- गुच्छ, अंगवस्त्र, विष्णु चरण पादुका, स्वागत भाषण एवं स्वागत गीत से किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता दानदाता सदस्या कला देवी, झारखण्ड एजुकेशनल एवं कल्चरल डेवलपमेन्ट सोसाइटी, विशुनपुर आश्रम रोड, झुमरी तिलैया, कोडरमा के द्वारा किया गया । महाविद्यालय के सचिव डॉ० डी०एन० मिश्रा ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुये कहा कि आप सभी अनुशासन में रहते हुये प्रशिक्षण प्राप्त करके नवाचार की शिक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप देने में सफल हो, आप सभी प्रशिक्षुओं को यही मेरी शुभकामना एवं आशीर्वाद है । उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि अविनाश राम जिला शिक्षा पदाधिकारी कोडरमा ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रशिक्षुओं को एक बेहतर शिक्षक बनाने के लिये शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से लाभ लेते हुए एक अच्छा एवं बेहतर शिक्षक बनने का प्रशिक्षण ग्रहण करना चाहिए । प्राचार्य डॉ० अजय कुमार यादव ने सभी आगंतुको का स्वागत करते हुये अपने उद्बोधन में कहा कि प्रशिक्षुओं को आत्मबल एवं आत्मअनुशासन में रहते हुये प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए । जे०वी०एम० के प्राचार्य डॉ० विकास राय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि संस्कृति के बिना शिक्षा अधूरी है । जे०वी०एम० के प्राचार्य प्रो० मिथिलेश कुमार ने अपना विचार व्यक्त करते हुये कहा कि नवाचार शिक्षण का पालन करना आज के प्रशिक्षुओं के अति आवश्यक है । महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रो० डॉ० एस०टी०मिश्रा ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक अर्थ व्यवहार में परिवर्तन से ही झलकता है । प्रो० डॉ० एस०के०पान्डेय ने कहा कि शिक्षा प्रशिक्षुओं के जीवन में विनम्रता के बिना नहीं प्राप्त की जा सकती है । कार्यक्रम में प्रो० विनीता कुमारी ने बी०एड० प्रशिक्षुओं को पाठ्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुये, समय सारणी से भी अवगत कराया गया । उक्त कार्यक्रम का आयोजन आई० क्यू०ए०सी० समन्वयक प्रो० सुरभि कुमारी एवं महाविद्यालय के प्रो० आनन्द कुमार दूबे, प्रो० सुशील कुमार, प्रो० सुमननन्दन तिवारी, प्रो० कविता कुमारी, प्रो० सूरज कुमार, प्रो० सरिता कुमारी, प्रधान लिपिक नीतू कुमारी, रीना कुमारी, पुस्तकालक्ष्य अध्यक्ष राजेश कुमार, पुस्तकालक्ष्य सहायक गौरी कुमारी, दुर्गा पंडित, शिवशंकर कर्मी, फलगुनी निरत, दिलीप बिन्द, रिजवान खान, मनोरमा देवी, सहनाज खातून, सावन कुमार एवं बी०एड० एवं डी०एल०एड० सत्र 2024-26 एवं 2025-27 के प्रशिक्षुओं आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही । कार्यक्रम में नवागत सत्र 2025-27 प्रशिक्षुओं का स्वागत सत्र 2024-26 के प्रशिक्षुओं ने तिलक चन्दन एवं पुष्प वर्षा करके किया। कार्यक्रम के दौरान झारखण्ड पब्लिक सर्विस कमीशन से चयनित प्रशिक्षु जावेद खान एस०एस०ओ० ऑफिसर एवं ब्लॉक वेलफेयर ऑफिसर प्रशिक्षु अभिषेक कुमार को पुष्प गुच्छ देकर दानदाता सदस्या कला देवी ने सम्मानित किया । धन्यवाद ज्ञापन उप प्राचार्य प्रो० सुचिता देवी ने किया मंच संचालन प्रो० अश्वनी मिश्रा एवं बी०एड० प्रशिक्षु आकाश कुमार ने किया, कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया

