झारखंड हिन्दी साहित्य संस्कृति मंच का पावस ऋतु साहित्य गोष्ठी संपन्न
रांची, झारखंड हिंदी साहित्य संस्कृति मंच के तत्वाधान में पावस ऋतु साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन वाई बी एन पब्लिक स्कूल धुर्वा राँची में किया गया। विद्यालय के कुलपति रामजी यादव का कार्यक्रम के प्रति योगदान वंदनीय है। मंच के संरक्षक विनय सरावगी के निर्देशन में कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ। कार्यक्रम का आरंभ मंच सचिव विनोद सिंह गहरवार के स्वागत उद्बोधन से तथा सुनीता कुमारी की सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में क्रमशः प्रो जे बी पाण्डेय (पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी,रांची विश्वविद्यालय) एवं रामजी यादव सुशोभित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच उपाध्यक्ष निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव ने की। कार्यक्रम को राज्य और शहर के विद्वान साहित्यकारों और कवि कवयित्रियों द्वारा पावस ऋतु आधारित कविताओं, मुक्तकों और गीतों से मंच सजा दिखा। जे बी पाण्डेय ने महाकवि घाघ की कविताओं से पावस ऋतु के सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव को दर्शाया। रामजी यादव ने समाज को शिक्षित करने के लिए स्वसमर्पण की बात की तथा आगे भी ऐसे भव्य कार्यक्रम को अपना संरक्षण देने की सहर्ष स्वीकृति दी। कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम अध्यक्ष निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सभी की रचनाओं की सराहना की तथा पावन पावस पर कहा कि वर्षा ऋतु ‘जंगल में मंगल’ मुहावरा चरितार्थ करती है, इसमें प्रकृति के ढोल मंजीरे से एक सम्मोहक वाद्य वृंद की रचना होती है जिसमें मादुर टर्र टर्र गाते हैं, मोर पंखों को खोल नाचती है और झींगुर सितार बजाते हैं, चहुंओर हरियाली अपनी हारितिमा का आँचल फैला कर माँ वसुंधरा की ओर से हम मानव को सुख रूपी आशीर्वाद देती है। बंगलुरू में प्रवास कर रहे मंच अध्यक्ष कामेश्वर प्रसाद निरंकुश ने भी कार्यक्रम की सफलता के लिए अपनी शुभकामना भेजी साथ ही प्रसिद्ध शायर हिमकर श्याम जो स्वास्थ्य बाधा के कारण कार्यक्रम में उपस्थित न हो सके उन्होंने भी कार्यक्रम की सफलता हेतु अपनी शुभकामनाएं भेजी। कार्यक्रम का सफल संचालन मंच संयोजक ममता मनीष सिन्हा के द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन मंच कोषाध्यक्ष विश्वकर्मा बादल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में काव्यपाठ करने वाले कवि कवयित्री के नाम क्रमशः निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव, बिनोद सिंह गहरवार, ममता मनीष सिन्हा, कृष्णा विश्वकर्मा बादल, सुरिंदर कौर नीलम, रश्मि सिन्हा, राज़ रामगढ़ी, ऋतुराज वर्षा, असित कुमार, गीता चौबे गूँज, कामेश्वर सिंह कामेश, सुनीता श्रीवास्तव जागृति, सुनीता कुमारी, डॉ. निराला पाठक, पूनम वर्मा, संपदा ठाकुर, रंजना वर्मा, रूणा रश्मि, गीता सिन्हा गीतांजलि, संपदा ठाकुर, रंजना उन्मुक्त, रुचा रश्मि,सिम्मी प्रसाद, कामेश्वर कुमार कामेश, विम्मी प्रसाद, पुष्पा सहाय गिन्नी,गीता सिंहा गीतांजलि,पूनम रानी , रजनी शर्मा चंदा, रंगोली सिन्हा, सदानंद यादव, निराला पाठक आदि प्रमुख रहे। हर्षोल्लास से सराबोर पावस ऋतु सभी के जीवन में खुशियों की वर्षा कर दे इन्हीं भावनाओं के साथ कार्यक्रम को अगले मनभावन एवं भक्तिमय मास सावन के लिए अग्रसारित कर दिया गया।
