इद्रीस मियां के घर भगवा झंडा गाड़ने और तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ हो कार्यवाही – झारखंड क्रांति मंच

इद्रीस मियां के घर व अन्य सामान तोड़ने व जमीन पर भगवा झण्डा गाड़कर मुस्लिम के नाम पर भयाक्रांत कर भगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे जिला प्रशासन: झारखण्ड क्रांति मंच
5 अगस्त 2024(मेदिनीनगर)
आज मेदिनीनगर स्थित स्वागत होटल में झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए पिछले 11 जुलाई को पाटन प्रखण्ड के बरसैता ग्राम में एक मात्र इद्रीस मियां के मुस्लिम परिवार के साथ योगेन्द्र सिंह के नेतृत्व में सैंकड़ों हिन्दू वादी ग्रामीणों की भीड़ द्वारा उनके जमीन पर पांच ट्रैक्टरों द्वारा जबरन लगी फसल जोतकर जय श्रीराम का नारा लगाते हुए भगवा झण्डा गाड़ने,घर व पम्प हाउस को तोड़-फोड़ व तहस-नहस कर पूरे परिवार को मारपीट कर भगाने एवं दिखाई देने पर मोभ लींचिंग की धमकी देने की घटना की कड़ी निन्दा करते हुए इसे विधानसभा चुनाव के पूर्व दंगा भड़काने की साज़िश करार दिया है।
प्रेस को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि बंदोबस्ती वाद सं०-21/04-05 के माध्यम से सदर एसडीओ मेदिनीनगर द्वारा प्राप्त जमीन खाता सं०-78,प्लाॅट सं० -2374,रकबा-1.50 एकड़ जमीन पर इद्रीस मियां का परिवार लगभग 20 वर्षों से शांतिपूर्वक मकान बनाकर गाय,भैंस,बकरी पालते हुए रहता आ रहा था,जिसमें सिंचाई हेतु इलेक्ट्रीट पम्प समेत लगभग 25 लाख रुपए का नुक़सान पहुंचाया गया है,जिसकी उच्चस्तरीय जांच कर सभी दोषियों के खिलाफ उचित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रेस से बात करते हुए झारखण्ड क्रांति मंच के अध्यक्ष ने कहा कि इस देश में संविधान के अनुसार जमीन सम्बन्धी विवादों के लिए कई स्तर पर न्यायलय बने हुए हैं,बिना न्यायालय का शरण लिए धर्म विशेष के नाम पर गुंडागर्दी करते हुए प्रभु श्रीराम व बजरंग बली के नाम से झण्डा गाड़कर पाकिस्तान भेजने की धमकी देना क्या साबित करता है?पहले जमीनों पर लाल झण्डा गाड़ने वालों को ये उग्रवादी व माओवादी बोलते थे,अब गरीब मुसलमान के जमीन पर धार्मिक नारेबाजी व दहशत कायम कर भगवा झण्डा गाड़ने वालों के लिए कौन सी शब्दावली का प्रयोग उचित होगा,इसका जवाब हेमन्त व मोदी सरकार को देना चाहिए?
ज्ञातव्य है कि दंगा भड़काने की साज़िश वाले इस संवेदनशील मामले में भी भुक्तभोगी द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने हेतु दिए गए आवेदन का पाटन पुलिस ने ना तो रिसिविंग कौपी इन्हें दिया और ना ही आजतक प्राथमिकी दर्ज की गई, बल्कि पाटन पुलिस वहां पहुंच कर आरोपियों के दबाव में आकर चुप्पी साध ली,परिणामस्वरूप भुक्तभोगी इद्रीस मियां ने 26 जुलाई को आरक्षी अधीक्षक पलामू के यहां आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है,जिस पर शीघ्र संज्ञान लेकर हेमन्त सरकार की पुलिस को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रेस वार्ता के अंत में उन्होंने कहा है कि किसी भी धर्म के उन्मादी लोगों को भारत की गंगा-जमुनी तहजीब पर हमले की इजाजत नहीं देनी चाहिए।जिन विवादों के निपटारे के लिए भूमि सम्बन्धी अदालतें बनी हुई हैं, वहां नहीं जाकर कानून हाथ में लेना सोची-समझी दंगा भड़काने की साज़िश का हिस्सा है।इसे किसी भी हालत में झारखण्ड क्रांति मंच बर्दाश्त नहीं करेगा।सबको पता है कि आजतक तुकबेरा के दलितों का रास्ता नहीं खूला है, वहीं खरौंधा के आसमां बीबी का घर भी दबंगों ने जमींदोज कर दिया है,जिस पर प्रशासन मौन है। दलितों -मुसलमानों पर बढ़ते अत्याचार को रोकने में हेमन्त सरकार विफल साबित हो रही है,जिसके खिलाफ शीघ्र ही आन्दोलन की शुरुआत की जाएगी।
प्रेस वार्ता में झारखण्ड क्रांति मंच केन्द्रीय उपाध्यक्ष रामनरेश राम, केन्द्रीय महासचिव विजय कुमार,आईटी सेल के केन्द्रीय अध्यक्ष मो०कलीम अंसारी,ओमप्रकाश साहू, जिलाध्यक्ष विजय राम नेताओं के अलावा भुक्तभोगी इद्रीस मियां व उनके पुत्र इकबाल अंसारी,सुभान अंसारी,शसबान अंसारी उपस्थित थे।