हुसैनाबाद के लोहबंधा में रमजान माह के अलविदा जुम्मे पर मुस्लिम समुदाय ने अदा की नमाज
हुसैनाबाद के लोहबंधा में रमजान माह के अलविदा जुम्मे पर मुस्लिम समुदाय ने अदा की नमाज
हुसैनाबाद प्रखंड क्षेत्र के सभी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के विभिन्न मस्जिदों में रमजान महिने के आखिरी अलविदा जुम्मे की नमाज शुक्रवार को बड़े ही अदब के साथ अदा की गई।
पारंपरिक लिबास में मुस्लिम धर्मावलंबियों ने अल्लाह व रसूल की शान में अलविदा जुम्मे की नमाज में सजदा किया।
उक्त प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती महुडंड पंचायत अंतर्गत लोहबंधा गांव के मदिना मस्जिद में भी देखा गया कि काफी संख्या में लोगों ने रमजान माह का आखिरी जुम्मे अलविदा की नमाज इमामत प्रशिक्षणरत मौलाना गुलाम गौस कादरी के अगुवाई में सभी मौजूद मुस्लिम धर्मावलंबियों ने अल्लाह के बारगाह में हाथ उठाकर अपने मुल्क और अपने इलाके के लिए अमन चैन की दुआएं मांगी।
मालूम हो कि इस्लाम धर्म के रमजान महिने में जरुरत मंदों की मदद और खुदा के बताए रास्ते पर चलने वालों पर अल्लाह अपनी रहमत बरसाता है।
इस्लाम धर्म में बारह महीने में एक यह महिना रमजान शरीफ़ सबसे ज्यादा अफजल (पवित्र) महीना माना गया है।
इस महिने में बाड़ा बा बरकत का महीना माना जाता है। इसी महीने में इस्लाम धर्म का सबसे अफजल (पवित्र) कूरॉन शरीफ नाजिल हुई है। इस महीने में रोजा रखना फर्ज हुआ करता है व कूरॉन शरीफ को इस महिने में ज्यादा से ज्यादा तिलावत करना सवाब ए जरिया है।
इस पाक महीने में हलाल रोजी से गरीब और जरूरतमंद लोगों को सदका ए फितरा दिया जाता है। जिससे यह मिलने वाले इस रूपए से बेसहारा लोगों को सहारा मिल जाता है। और इस्लाम धर्म के अनुसार सदका फितरा मालिक निसाब पर फर्ज है। मुस्लिम समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति पर इस साल 65-70 रूपए फितरा देना जरूरी माना गया है। जिससे गरीब जरूरतमंद व असहाय लोगों को मदद मिल सके और खुशी – खुशी से अपने परिवारों के साथ ईद का त्योहार मना सके।
विदीत हो कि रविवार को चांद के एतबार से अपने भारत मुल्क में सोमवार को ईद की त्योहार मनाएं जाने की उम्मीद है।
