“हनुमान जी अमर क्यों हैं? धर्म रक्षक का रहस्य और युगों में उनकी भूमिका”
धर्म की रक्षा के लिए भगवान ने धरती पर अनके रूप लिए हैं। उन रूपों में एक रूप है हनुमान जी का। हनुमान जी ने त्रेतायुग में भगवान श्रीराम की रक्षा के लिए और दुष्टों का नाश करने के लिए अवतार लिया था। हनुमान जी का अवतार भगवान श्री शंकर का सबसे श्रेष्ठ अवतार माना जाता है।
महाभारत हो या रामायण दोनों में हनुमान जी ने अहम भूमिका निभाई है। रामायण में तो हनुमान जी श्री राम के प्रिय भक्त थे और महाभारत में भी अर्जुन के रथ से लेकर भीम की परीक्षा तक, कई जगह हनुमान के दर्शन हुए हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रामायण या महाभारत के सभी पात्रों का समापन होने के बाबजूद भी हनुमान जी हजारों-लाखों सालों तक क्यों जीवित हैं। आखिर क्या है हनुमान जी के जीवित होने का राज ? प्रस्तुत है इस सवाल का जबाव कि हनुमान जी हजारों-लाखों सालों के बाद भी क्यों जीवित हैं-
वाल्मीकि रामायण के अनुसार
रावण की लंका में सीता माता को खोजने के बाद जब लाख कोशिशों के बाद हताश हो गए तो वे सीता माता को मृत समझ बैठे लेकिन हनुमान जी को श्री राम का स्मरण हुआ फिर वे पुनः जोश में खोजने के लिए शिव वाटिका पहुँच गए। और सीता माता को उन्होंने खोज निकाला। इससे प्रसन्

