हंटरगंज में अलाव बना ठंड से बचाव का सहारा,कोहरे ने रोकी वाहनों की रफ्तार
सुबह से जनजीवन प्रभावित, तापमान में गिरावट,

कड़ाके की ठंड में भी प्रशासन ने नहीं की है अलाव की व्यवस्था
विकास कुमार यादव
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हंटरगंज (चतरा): चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड क्षेत्र में दो दिनों से ठंडी हवाओं का प्रकोप जारी रहा। इसके चलते तापमान में गिरावट आई है, दिनभर में दोपहर को ही सूर्यदेव का लोगो का दर्शन हुआ इससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। सुबह के समय बढ़ी ठिठुरन के कारण लोगों को घरों से बाहर निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ा।ठंडी हवाओं के कारण बाजारों में आम दिनों की तुलना में भीड़ कम देखी गई। ठंड का सबसे अधिक असर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों पर पड़ रहा है।सुबह की ठंड से स्कूल जाने वाले बच्चों को भी परेशानी हो रही है। अभिभावक अपने बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर स्कूल भेज रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक ठंड और ठंडी हवाओं का असर बने रहने का अनुमान जताया है।स्थानीय प्रशासन ने लोगों से ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनने की अपील की है। साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने तथा सुबह-शाम सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
ठंड में अलाव ही बना लोगों का सहारा
बता दें कि प्रखंड मुख्यालय में कोहरे का असर कुछ कम है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में जबरदस्त कोहरे से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ठंडी हवा के कारण हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। सुबह-सवेरे से ही मौसम के नखरे बढ़ गए थे। कोहरे के बादलों में जा मिलने से दिन भर घटा छाई रही। न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। दोपहर में ही शाम का मौसम बन गया था। शाम होते ही ठंड के कहर से बचने के लिए लोग जगह-जगह अलाव का सहारा लेते नजर आए।
कड़ाके की ठंड में भी प्रशासन ने नहीं की है अलाव और कंबल की व्यवस्था
कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिससे जन जीवन अस्त व्यस्त है। वहीं दूसरी ओर भीषण ठंड में भी प्रशासन की ओर से ना ही अलाव की कोई व्यवस्था की गई है, और ना ही कंबल वितरण की वितरण की जा रही है। लोगों का कहना है कि प्रत्येक वर्ष प्रशासन की ओर से ठंड से बचाव को लेकर अलाव की व्यवस्था की जाती थी, वही कंबल भी वितरण की जाती थी,लेकिन इस वर्ष कोई व्यवस्था नहीं की गई है। लोग ठंड से बचने के लिए स्वयं अलाव की व्यवस्था करते दिख रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष ठंड से बचाव को लेकर प्रखंड क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक जगहों पर अलाव की व्यवस्था की जाती थी। लेकिन इस वर्ष कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जनप्रतिनिधियों ने बताया कि गरीबों के लिए ठंड कहर बनकर आई है। कुछ पंचायतों में समाजसेवियों की ओर से कंबल वितरण भी किया गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है ना ही कंबल वितरण किया गया है। उन्होंने चौक-चौराहे पर अलाव की व्यवस्था की मांग की है। अब देखना होगा कि प्रशासन ठंड से बचाव को लेकर ठोस कदम उठाती है या नहीं
