हाईकोर्ट के जज सैलरी के लिए भटक रहे, पहुंचे SC, पहले भी रुका था 7 जजों का वेतन

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हाईकोर्ट के जज सैलरी के लिए भटक रहे, पहुंचे SC, पहले भी रुका था 7 जजों का वेतन

नई दिल्ली: नई दिल्ली अपने वेतन के लिए भटकने वाले सरकारी कर्मचारियों को आपने बहुत देखा होगा, मगर अब ताजा मामला पटना हाईकोर्ट के एक जज का है. जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि प्रमोशन के बाद से उन्हें वेतन नहीं मिला है. सुप्रीम कोर्ट भी शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट के मौजूदा जज, जस्टिस रुद्र प्रकाश मिश्रा की ओर से दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है. इसमें सामान्य भविष्य निधि (GPF) खाता खोलने और अपना वेतन जारी करने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की तीन जजों की पीठ ने केंद्र सरकार और बिहार की राज्य सरकार को इस मामले में नोटिस जारी किया है.

‘बार एंड बेंच’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले में पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से भी जवाब मांगा है. पटना हाईकोर्ट के जज रुद्र प्रकाश मिश्रा की ओर से पेश हुए वकील प्रेम प्रकाश ने अंतरिम राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पर जोर डाला. हालाकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया लेकिन कहा कि वह मामले की सुनवाई करेगा. मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की गई है. अपने मामले में जस्टिस मिश्रा ने तर्क दिया है कि नवंबर 2023 में उच्च न्यायिक सेवाओं से हाईकोर्ट में उनके प्रमोशन के बाद से सभी जरूरी दस्तावेज पूरे करने के बावजूद उन्हें अभी तक जीपीएफ खाता आवंटित नहीं किया गया है.

पटना हाईकोर्ट में यह पहला मामला नहीं:
उनकी याचिका में यह कहा गया था कि जीपीएफ लाभ से वंचित होने के कारण याचिकाकर्ता को अपने प्रमोशन के बाद से अपना वेतन नहीं मिला है, और इससे अत्यधिक मानसिक और वित्तीय अस्थिरता पैदा हुई है. अपनी याचिका में जस्टिस मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट से उनको वेतन और जीपीएफ अकाउंट तत्काल दिए जाने का आदेश देने का अनुरोध किया. गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है.

पहले भी रुका था 7 जजों का वेतन:
गौरतलब है कि पिछले साल ही पटना हाईकोर्ट के सात मौजूदा जजों ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि उनके सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते कानून मंत्रालय द्वारा जारी एक पत्र के अनुसार बंद कर दिए गए थे. इन जजो में जस्टिस शैलेन्द्र सिंह, अरुण कुमार झा, जीतेन्द्र कुमार, आलोक कुमार पांडे, सुनील दत्त मिश्रा, चंद्र प्रकाश सिंह और चंद्र शेखर झा शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि पटना हाईकोर्ट के सात जजों का वेतन तुरंत जारी किया जाए, जिनके सामान्य भविष्य निधि खाते बंद हो गए हैं. सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने इस संबंध में निर्देश जारी किए थे.

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