गैर संवेदनशील है झारखंड की सरकार झारखंड की सरकार —-चुन्नू कांत

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सदर अस्पताल में लाश को समेटने के लिए दो गज कफन भी महेश्वरी नहीं
गिरिडीह :- लोक कल्याण के नाम पर खैरात में रेवड़िया बांटने की प्रतिस्पर्धा में लगी यह सरकार सड़क दुर्घटना में मृतक लोगों को लिए दो गज कफन भी महेश्वरी करने की स्थिति में नहीं है ।आज सदर अस्पताल में हुई घटना से मानवता शर्मसार हुई है।बीते रात बिरनी थाना के क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई इसमें गिरिडीह शहर के धोबिया गली के जितेंद्र नाम का एक युवक भी शामिल है। दुर्घटना में मौत के बाद लाश के पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया। जहां काफी देर तक उनके परिजनों को लाश इसलिए नहीं दिया जा रहा था की लाश के पोस्टमार्टम में लगे कुछ लोगों को नजराना नहीं मिला। ऐसे कुछ लोग मृतक परिवार को काफी प्रताड़ित कर रहे थे।
मौके पर उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के नेता चुन्नू कांत ने इस पर भारी नाराजगी की । जब वहां इस सवाल पर हंगामा होने लगा तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सदर अस्पताल के चिकित्सकों का कहना था की सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए चतुर्थ वर्गीय जो सहयोगी का पद है वह काफी दिनों से रिक्त है । ऐसे काम प्राइवेट कुछ लोगों से कराया जा रहा है। इसलिए वह लोग जब पैसा मांगते हैं तो चाह कर भी हम लोग अपनी आंखें बंद कर लेते हैं। इतना ही नहीं पोस्टमार्टम करने के लिए इस सदर अस्पताल में फॉरेंसिक साइंस के कोई चिकित्सक नहीं है ।ऐसे में पोस्टमार्टम का काम सर्जन अथवा अन्य किसी रोग के विशेषज्ञों द्वारा कराया जाता है। इसे कुव्यवस्था के कारण कई बार गंभीर अपराध जिसमें पोस्टमार्टम जैसे तकनीकी चीजों की गहन आवश्यकता होती है फॉरेंसिक साइंस के विशेषज्ञ नहीं रहने से अभियोजन का पक्ष कमजोर होता है। इस सवाल पर चुन्नू कांत ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है। वे सरकार से मांग करते हैं कि गिरिडीह सदर अस्पताल में अभिलंब पोस्टमार्टम के लिए चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की व्यवस्था हो ताकि पोस्टमार्टम के कार्य में सहयोग हो सके। साथ ही यहां फॉरेंसिक साइंस के विशेषज्ञ डॉक्टर की बहाली की जाए। ताकि पोस्टमार्टम सही तरीके से हो सके। उन्होंने कहा है कि सरकार अगर ऐसा नहीं करती है तो भारतीय जनता पार्टी इसके खिलाफ आवाज मुखर करेगी।