फरार नक्सली अनिल तुरी के घर चिपका इश्तेहार, आत्मसमर्पण नहीं करने पर होगी कुर्की–जप्ती
महुआडांड़ प्रखंड समेत आसपास के इलाकों में नक्सल गतिविधियों के खिलाफ पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए फरार नक्सली अभियुक्तों पर दबाव बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में नक्सल मामलों में वांछित और लंबे समय से फरार चल रहे अभियुक्त अनिल तुरी उर्फ उज्ज्वल तुरी के घर पर न्यायालय द्वारा निर्गत इश्तेहार को विधिवत चिपकाया गया। यह कार्रवाई छिपादोहर थाना कांड संख्या 27/24, दिनांक 28 नवंबर 2024, के अंतर्गत धारा 103(1)/238 बीएनएस एवं धारा 17 सीएलए एक्ट के तहत की गई है।अभियुक्त का पूरा विवरण पुलिस के अनुसार फरार नक्सली अभियुक्त का नाम अनिल तुरी उर्फ उज्ज्वल तुरी, पिता भोंदुआ तुरी है। वह ग्राम चैनपुर, थाना पेशरार, जिला लोहरदगा का निवासी है। अभियुक्त पर नक्सली संगठन से जुड़े रहकर क्षेत्र में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। आत्मसमर्पण का अल्टीमेटम इश्तेहार चिपकाने के दौरान पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि फरार नक्सली अभियुक्त निर्धारित समय सीमा के भीतर माननीय न्यायालय अथवा महुआडांड़ थाना में आत्मसमर्पण करे। पुलिस ने चेतावनी दी है कि यदि तय अवधि में आत्मसमर्पण नहीं किया गया, तो अभियुक्त की चल-अचल संपत्ति की कुर्की–जप्ती की कार्रवाई की जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया कानून के प्रावधानों के तहत अमल में लाई जाएगी।

गंभीर मामलों की लंबी सूची
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार अनिल तुरी के खिलाफ पहले से कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें नक्सली हिंसा, हथियारों का इस्तेमाल और आम नागरिकों को डराने-धमकाने जैसे आरोप शामिल हैं। महुआडांड़ थाना कांड संख्या 18/25, दिनांक 01/05/2025
धारा 103(1)/326(g)/3(5) बीएनएस धारा 27 आर्म्स एक्ट
धारा 17 सीएलए एक्ट
महुआडांड़ थाना कांड संख्या 64/23, दिनांक26/12/2023
धारा147/148/149/323/325/341/385/387/435/504/506 आईपीसी धारा 17 सीएलए एक्ट इन मामलों से यह स्पष्ट होता है कि अभियुक्त लंबे समय से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रहा है।
नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी
थाना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान लगातार जारी है। कानून से बचने वाले फरार नक्सलियों के खिलाफ इश्तेहार, कुर्की–जप्ती और गिरफ्तारी जैसी कठोर कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों ने दो टूक कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और फरार आरोपियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।आत्मसमर्पण और पुनर्वास की नीति दूसरी ओर झारखंड सरकार द्वारा संचालित झारखंड उग्रवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का अवसर भी दिया जा रहा है। इस नीति के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा, पुनर्वास, आर्थिक सहायता और सामाजिक पुनर्स्थापन का लाभ देने का प्रावधान है।
पुलिस की अपील
पुलिस ने नक्सली संगठनों से जुड़े लोगों से अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समय रहते आत्मसमर्पण करें। अन्यथा उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी स्वयं अभियुक्तों की होगी।कुल मिलाकर, महुआडांड़ क्षेत्र में पुलिस का यह कदम नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान को और तेज करने की दिशा में अहम माना जा रहा है, जिससे क्षेत्र में शांति और कानून-व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
