एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के लिए चयनित भूमि पर ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन;

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के लिए चयनित भूमि पर ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन
संवाद सूत्र महुआडांड़ (लातेहार) महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत अक्सी पंचायत के ग्राम सरनाडीह में आदिवासी छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के मंतव्य से भारत सरकार द्वारा विद्यालय के निर्माण के लिए भूमि का चयन करते हुए सीमांकन का कार्य कर लिया गया है, भूमि चयनित करने के बाद से ही लगातार ग्रामीणों के द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। ग्रामीणों के द्वारा उपयुक्त लातेहार, अनुमंडल पदाधिकारी समेत अन्य जगहों पर भी आवेदन दे चुके हैं। जिसके पास चयनित भूमि पर सीमांकन के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। विद्यालय का कुल 15 एकड़ भूमि पर किया जाना है, जिस पर ग्रामीणों का कहना है कि जिस भूमि पर विद्यालय का निर्माण किया जा रहा है वह गांव के लिए एकमात्र नदी का रास्ता है जहां से हम सभी ग्रामीण कृषि कार्य मवेशियों एवं अपने दैनिक कार्य के लिए प्रतिदिन जाते हैं वही इस नदी से हमारे खेतों के लिए भी सिंचाई का पानी आता है विद्यालय के निर्माण से जहां एक और हमारी खेती योग्य भूमि बर्बाद हो रही है वहीं हमारी दिनचर्या पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ेगा।
स्थानीय निवासी बरनाबस एक्का बताते हैं कि विद्यालय का वह भी समर्थन करते हैं लेकिन विद्यालय निर्माण के बाद नदी का एकमात्र रास्ता बंद हो जाने से ग्राम सरनाडीह और तंबोली की लगभग 300 घरों के लोगों को अपने मवेशियों को चराने कृषि कार्य के लिए सिंचाई समेत अपने प्रत्येक दिन के दैनिक कार्यों के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ेगी। उरुंबी तक जाने के लिए जो ग्रामीण सड़क है वह भी बंद हो जाएगा। जिसे हम ग्रामीणों पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
कांति देवी बताती हैं की जिस भूमि को विद्यालय के निर्माण के लिए चयनित किया गया है वह हमारे गांव के खेतों तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता है जहां से हम हवा बिल लेकर खेतों तक पहुंचाते हैं वहीं हम उसे नदी से भी वंचित हो जाएंगे जिसका हम सभी जीवन से मरण तक उपयोग करते हैं। विद्यालय का हम सभी समर्थन करते हैं, लेकिन हम सभी की परेशानी को समझते हुए सरकार किसी अन्य जगह पर इसका निर्माण करें।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान शशि एक्का, राजमणि कुजूर, विजय कुजूर, अनोरा कुजूर, कामेश्वर मुंडा, वरनाबस एक्का समेत सैकड़ो की संख्या में स्थानिक ग्रामीण उपस्थित थे।