दुनिया के पहले मानवता के मार्गदर्शक व चेतनाशील वैज्ञानिक थे महामानव तथागत बुद्ध:– शत्रुघ्न कुमार शत्रु

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दुनिया के पहले मानवता के मार्गदर्शक व चेतनाशील वैज्ञानिक थे महामानव तथागत बुद्ध: शत्रुघ्न कुमार शत्रु
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23 मई 2024(मेदिनीनगर)
राष्ट्रीय बौद्ध महासभा झारखण्ड के बैनर तले आज बीस फूटा पूल के पास बजराहा स्थित रमाबाई अंबेडकर होस्पीटल के प्रांगण में करुणा,प्रेम,मैत्री व धम्म के सागर तथागत भगवान बुद्ध के 2587 वीं जयन्ती के अवसर पर समारोह का आयोजन रामप्रसाद बौद्ध की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। संचालन बौद्ध महासभा के पलामू जिलाध्यक्ष रवि पाल ने किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु, राष्ट्रीय महिला बौद्ध महासभा के अध्यक्ष सुषमा बौद्ध,बौद्ध महासभा के ईश्वरी महतो,जंगली महतो आदि महानुभावों ने तथागत भगवान बुद्ध व बोधिसत्व बाबा साहेब डा०भीमराव अम्बेडकर जी के तस्वीर के समक्ष पुष्प अर्पित कर कोटि-कोटि नमन व वंदन किया ।
कार्यक्रम के अध्यक्षीय सम्बोधन में रामप्रसाद बौद्ध ने भगवान बुद्ध के पंचशील व त्रिशरण समेत अष्ठांगिक मार्गों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए दुनिया को भगवान बुद्ध के अप्रतिम योगदान से अवगत कराया।
राष्ट्रीय महिला बौद्ध महासभा के अध्यक्ष सुषमा बौद्ध ने कहा कि आडम्बर व पाखंड से मुक्ति के लिए भारत की महिलाओं को भगवान बुद्ध की शरण में जाना चाहिए।
समारोह को सम्बोधित करते हुए झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने कहा कि तथागत भगवान बुद्ध ढाई हजार वर्ष पूर्व दुनिया में मानवता के सबसे बड़े मार्गदर्शक व पहले चेतनाशील वैज्ञानिक थे,जिन्होंने ईश्वरवाद को नकारते हुए करुणा,मैत्री,प्रेम के रास्ते चलकर सत्य व अहिंसा को अपनाने पर बल दिया।आज बुद्ध पूर्णिमा का पावन दिन भारत को बुद्धमय बनाने हेतु संकल्प लेने का ऐतिहासिक दिन है। भारत को सही अर्थों में विश्वगुरु बनाना है तो हमें भगवान बुद्ध की शरण में जाना होगा।
कार्यक्रम में मो०कलीम अंसारी,मनीष मेहता,टाइगर रौशन मेहता,लक्ष्मी कुमारी,श्याम नारायण भुईयां,रामजी बौद्ध,डा०मोती राम,लोचन बैठा,राम औतार राम, अखिलेश मेहता,रामलखन महतो,राम नारायण पासवान,रामदेव पाल,सरिता देवी,अनिता बौद्ध,दिलेश्वर बौद्ध, राजेन्द्र प्रसाद मेहता,राघव ठाकुर,यशवन्त पासवान,अनुराग कुमार,ओमप्रकाश साव, प्रदीप राम समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।
धन्यवाद ज्ञापन बौद्धाचार्य मधुकांत बौद्ध ने किया।कार्यक्रम के दरम्यान मिष्ठान भोजन खिर का वितरण कर समाप्ति की घोषणा की गई।

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