धुरकी झामुमो ने हूल दिवस पर सिद्ध कांहू व फुलों झानो को किया नमन
धुरकी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने कार्यकाल में हूल दिवस मनाया गया इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष इसराइल खान ने किया संचालन शैलेश यादव ने किया सर्व प्रथम सिद्धों कहूं ,चांद भैरव के तस्वीर पर फूल माला चढ़ा कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। प्रखंड अध्यक्ष इसराइल खान ने कहा कि सिद्धों कहूं चांद भैरव जैसे ही वीर सपूतों ने 30 जून 1855-56 को अंग्रेजी हुकूमत के शोषण दमन अन्याय अत्याचार के खिलाफ विगुल फूंका था जिसमें स्वतंत्रता संग्राम का मार्ग प्रशस्त हुआ था वहीं स्वतंत्रता संग्राम की पृष्ठ भूमि तैयार हुई थी इन महान सपूतों अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो का नारा देकर आंदोलन चलाया था वीर सपूतों ने अंग्रेजो के साथ गोरिला युद्ध किए थे सिद्धों कान्हु नाम सुनते ही अंग्रेज कांप जाते थे। वहीं
झामुमो विधायक प्रतिनिधि लक्ष्मण प्रसाद यादव ने बताया कि हूल दिवस के अवसर पर सिद्धु-कान्हु, फूलों-झानो सहित अन्य संथाल विद्रोहियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 1855 के संथाल हूल (विद्रोह) की याद में मनाया जाता है, जिसमें सिद्धु-कान्हु, चांद-भैरव और फूलों-झानो जैसे नेताओं ने ब्रिटिश शासन और जमींदारों के खिलाफ आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। वहीं युवा नेता धिरेन्द्र यादव ने कहा कि उन वीर संताल ने अपनी जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र आंदोलन किया. संताल आदिवासियों का हूल अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संताल आदिवासी एक जुट हुए और अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध की घोषणा की आदिवासियों ने कभी भी अंग्रेजों की गुलामी को स्वीकार नहीं किया और उन्होंने अपनी जमीन बचाने के लिए युद्ध किया.जिसमे 21 अंग्रेजों को मौत के घाट उतार दिया था इस मौके पर संदेश गुप्ता, शंभू सिंह, मुन्ना भुइयां एवं पार्टी के कार्यकर्ता काफी संख्या में मौजूद थे।
