चिकित्सक व नर्स की लापरवाही से जच्चा बच्चा की मौत

चिकित्सक व नर्स की लापरवाही से जच्चा बच्चा की मौत
गढ़वा सदर अस्पताल में चिकित्सक और नसों की लापरवाही रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार की देर शाम एक बार फिर चिकित्सक और नर्स की लापरवाही के कारण एक जच्चा बच्चा की मौत हो गई। एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही लेकिन उसे देखने ना तो चिकित्सक आये और ना नहीं नर्सो के द्वारा समुचित इलाज किया गया। यह देख परिजनों ने सदर अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजनों ने कहा की समय पर चिकित्सक के सुझाव से ऑपरेशन कर दिया जाता तो आज महिला की मौत नहीं होता। जानकारी के अनुसार मृतक मझिआंव थाना क्षेत्र के मझिआंव गांव निवासी राकेश पासवान की पत्नी अनीता देवी 26 वर्ष को मझिआंव से गढ़वा रेफर किया गया था। 3:35 बजे उसे इलाज के लिए में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां प्रसव पीड़ा से गंभीर महिला का तत्काल इलाज नहीं किया गया। जानकारी के अनुसार भर्ती के बाद देर रात्रि महिला का अल्ट्रासाउंड कराया गया। पेट में ही बच्चा मरा होने की जानकारी दिया। उसके बाद चिकित्सक चले गए। महिला की पेट में दर्द बढ़ने लगा उसके साथ ही पेट में सूजन की भी समस्या आने लगी। लेकिन अस्पताल के प्रसव वार्ड में तैनात नर्स के द्वारा परिजनों का यह समझाते रहे की सामान्य प्रसव से मरा हुआ बच्चा को बाहर निकाल लिया जाएगा। लेकिन धीरे-धीरे महिला की स्थिति बिगड़ने लगी। उसके बाद उसकी सूचना नर्सों ने ऑन कॉल चिकित्सा को दिया गया। कुछ देर बाद महिला चिकित्सक डॉ माया पांडे अस्पताल पहुंची और महिला की मौत होने की जानकारी परिजन को दी। इसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। परिजनों का आरोप था की चिकित्सक और नसों की लापरवाही के कारण महिला की जान गई है। परिजनों ने बताया कि ना तो चिकित्सक के द्वारा रेफर किया गया और ना ही नर्स के द्वारा किसी तरह की गड़बड़ी की जानकारी दी गई। उसे यह कहकर समय गुजरा गया कि की थोड़ी देर बाद सामान्य प्रसव से मरे हुए बच्चे को बाहर निकाल दिया जाएगा। और उसकी मां को बचा लिया जाएगा।
आए दिन लापरवाही का आते रहता है मामला
सदर अस्पताल में चिकित्सक और नसों की लापरवाही यह कोई नया नहीं है। आए दिन इस तरह की घटना होते रहती है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी के द्वारा मामले में लीपापोती कर दिया जाता है। कुछ दिन पहले भी महिला घंटे से इलाज के लिए तड़पती रही। लेकिन किसी भी चिकित्सक के द्वारा इलाज नहीं हुआ था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। उक्त मामले को उपायुक्त ने गंभीरता पूर्वक लेते हुए संबंधित चिकित्सकों पर कार्रवाई की गई थी।
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार ने कहा कि महिला की इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है। महिला चिकित्सक में उसे स्वयं देखकर इलाज किया है। मृत महिला की इससे पहले भी दो बच्चे की मौत हुई है। पहले से ही उसकी स्थिति बिगड़ गई थी। पेट में ही बच्चा मरा हुआ था। चिकित्सकों ने भरपूर प्रयास किया।