चार वर्ष पहले हुआ अस्पताल का उद्घाटन, चिकित्सक की नहीं हुई पदस्थापना, लटका है ताला

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चार वर्ष पहले हुआ अस्पताल का उद्घाटन, चिकित्सक की नहीं हुई पदस्थापना, लटका है ताला

प्रखंड के पाचाडुमर गांव में 2.35 करोड़ रुपए की लागत से बने 10 बेड वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन चार वर्ष बाद भी जहां चिकित्सक की पदस्थापना की बाट जोह रहा है। वहीं समुचित देखभाल के अभाव में भवन क्षतिग्रस्त हो रहा है। इससे स्वास्थ्य सुविधाओं का आस लगायें ग्रामीण अब नाउम्मीद होने लगें हैं।इस अस्पताल का उद्घाटन 20 अक्टूबर 2019 को हुआ था। परंतू उद्घाटन के बाद से चिकित्सक की पदस्थापना नहीं होने के कारण पिछले 4 वर्षो से यह अस्पताल भवन बंद पड़ा है। इस कारण असमाजिक तत्वों के द्वारा अस्पताल भवन की खिड़की, दरवाजा, पानी टंकी,मोटर, शौचालय , मार्बल, गेट को लगातार क्षतिग्रस्त किया जा रहा है। साथ ही साथ सुनसान स्थान पर अस्पताल का गेट खुला रहने से शराबियों का जमावड़ा भी लगा रहता है। इस अस्पताल के बंद रहने से प्रखंड के 80 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रही है। दुर्घटना के बाद यहां के लोगों को भवनाथपुर से एम्बुलेंस मंगानी पड़ती है, इसके बाद 20 किलोमीटर दूर भवनाथपुर अस्पताल में मरीज को इलाज के लिए भेजा जाता है। केतार प्रखंड में ग़रीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रहे परिवारों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण इन्हें मामूली बिमारी का इलाज भी निजी अस्पताल में कराने पर मोटी रकम खर्च करना पड़ता है। अस्पताल निर्माण के बाद लोगों को उम्मीद थी कि स्थानीय स्तर पर उन्हें स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा लेकिन अब ग्रामीण उम्मीद छोड़ दिए हैं। प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीणों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिलाने के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कोइ ठोस पहल नहीं किया जा रहा है।

वर्जन
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है।ह्यूमन रिसर्च सेक्शन का प्रोब्लम जो खत्म हो गया है। जल्द ही अस्पताल में इलाज शुरू होगा।

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