बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूलों में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़
मेराल। प्रखंड में सरकारी नियमों को ताख पर रखकर बिना सरकारी मान्यता के ही धड़ल्ले से कई निजी विद्यालय संचालित हो रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र के पेशका हाईस्कूल के बगल में सनराइज पब्लिक स्कूल सरकारी नियमों को ताख पर रखकर सैफ अंसारी द्वारा चलाया जा रहा है।जबकि सैफ अंसारी पेशका हाई स्कूल में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है। विद्यालय में वाहन सुविधा के नाम पर बच्चों को खटारा गाड़ियों में भरकर उनके घर भेजा जाता है जो कभी भी दुर्घटना का कारण हो सकता है। इसी तरह चामा गांव के सहायक शिक्षक राजेंद्र प्रसाद द्वारा भी गांव में ही स्वामी विवेकानंद के नाम से स्कूल चलाया जा रहा है। जबकि नव प्राथमिक विद्यालय तेली टोला में सहयोगी शिक्षक के रूप में कार्यरत है। इसी तरह गढ़वा मझिआंव मुख्य मार्ग पर दलेली स्थित एमके पब्लिक आवासीय स्कूल दलेली, चित्रगुप्त कॉन्वेंट स्कूल औरैया गांव, गेरुआ पंचायत के करियईजरही मोड़ चाइल्ड डेवलपमेंट पब्लिक स्कूल, हासनदाग में ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, दुलदुलवा गांव में एकनाथ पब्लिक स्कूल, पेशका गांव में रेड रोज पब्लिक स्कूल आदि विद्यालय द्वारा अवैध रूप से विद्यालय का संचालन एवं बिना योग प्रशिक्षित शिक्षकों के द्वारा पढ़ाया जाता है विद्यालय में मानक के अनुसार भवन भी नहीं है जहां बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विदित हो कि बीना मान्यता के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे नवोदय ,नेतरहाट, सैनिक स्कूल, केंद्रीय विद्यालय के लिए
परीक्षा में भाग लेने से वंचित रह जा रहे हैं। जिस कारण प्रखंड के कई होनहार बच्चों का भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। जो जांच का विषय है। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि क्या इतने दिनों से धड़ल्ले से सरकारी नियमों का अनदेखी करके संचालित निजी विद्यालय किसके संरक्षण में फल फूल रहा है क्या शिक्षा विभाग के पदाधिकारी द्वारा समय पर जांच किया जाता है या नहीं यह भी जांच का विषय है।
इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी रंभा चौबे ने बताया कि संबंधित विद्यालयों की सुची जिला शिक्षा अधीक्षक के पास भेज दिया गया है। जिस पर जिला शिक्षा अधीक्षक के द्वारा नियमानुकूल निर्णय लिया जाएगा।

