बालू घाट नीलामी की प्रक्रिया गलत ग्राम पंचायत को मिले अधिकार –रूचिर तिवारी
बालू घाट नीलामी की प्रक्रिया गलत ग्राम पंचायत को मिले अधिकार –रूचिर तिवारी
नीलामी प्रक्रिया के बाद आम जनता को और महंगी मिलेगी बालु–भाकपा
जिला खनन पदाधिकारी के नियमावली से पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा बालू घाट।
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सचिव सह डालटेनगंज विस के पूर्व विधायक उम्मीदवार रूचिर कुमार तिवारी ने सरकार के द्वारा बालु घाट निलामी प्रकिया को कारपोरेट एवं बड़े पुंजीपतियो को केवल फायदा पहुंचाने की प्रक्रिया बताया है। झारखंड हाई कोर्ट में पेसा कानून के तहत बालू घाट की नीलामी की प्रक्रिया करने पर जोर दिया था जो पूर्णतया सही है झारखंड सरकार ग्राम पंचायत को यह अधिकार दें और ताकि ग्राम पंचायत का भी विकास हो सके एवं जिस जिले के अंदर बालू घाट हैं उसी जिला के व्यक्ति उस बालू घाट के नीलामी में सर्वप्रथम भाग ले सके। झारखंड सहित पलामू जिला के बाहरियों एवं पूंजीपतियों के लिए चारागाह का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा झारखंड सरकार के द्वारा नीलामी की इस प्रक्रिया से बिहार और छत्तीसगढ़ के माफियाओं का बालू घाट पर वर्चस्व हो जाएगा और आम आम जिस तरह आज घर बनाने के लिए बालू के लिए तरस रहा है वह स्थिति पुनः वैसे ही बन जाएगी। जिला खनन पदाधिकारी में जिस प्रकार से न्यूनतम सुरक्षा जमा राशि 4 करोड़ रूपया तय किया है इससे यह साबित हो जाएगा कि बालू घाटों का नीलामी होने के बाद भी आम जनता को मंहगे दामों में घर बनाने के लिए बालू खरीदना पड़ेगा। जो यहां के झारखंड वासी पलामू वासियों मूल वासियों के साथ अन्याय है गांधी जी ने आजादी से पहले नमक सत्याग्रह आंदोलन किया था अब लगता है कि अबुआ राज में आम जनता को अपने ही नदी से घर बनाने के लिए बालू उठाव के लिए आंदोलन करना पड़ेगा। अगर ऐसा झारखंड सरकार नहीं करती है तो भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाऐगी ।

