अनंत चतुर्दशी पर्व एवं श्री गणेश विसर्जन उत्सव 6 सितंबर को
अनंत चतुर्दशी पर्व 6 सितंबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा।श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट एवं विश्व हिंदू परिषद सेवा विभाग के प्रांतीय प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा है हिंदू सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के अनंत रूपों की आराधना करने का विधान है, अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस भी कहा जाता है। इस दिन जहां बप्पा श्री गणेश की बड़ी धूमधाम से विदाई की जाती है। दरअसल गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा को घर लाया जाता है और पूरे 10 दिनों तक विधिवत उनकी पूजा अर्चना की जाती है। अनंत चतुर्दशी के दिन श्री गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाती है। इस दिन अनंत सूत्र का भी विशेष महत्व माना गया है इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद एक कच्ची रेशम की डोरी को हल्दी या केसर से रंग कर उसके बाद उस डोर में 14 गांठ लगाए और इसे प्रभु श्री हरि के चरणों में अर्पित करने तथा ओम अनंताय नमः मंत्र की जाप करने के बाद इस दिव्य को पुरुष अपने दाएं हाथ में बांधे तथा महिलाएं इस सूत्र को अपने बाएं हाथ में बांधना चाहिए। एवं विधि विधान से पूजा अर्चना, दीपक जलाकर आरती तथा कथा का पाठ, प्रभु को फल और मिठाई समेत चीजों का भोग लगाना चाहिए। रात के समय इस रक्षा सूत्र को उतारकर रख दे और अगले दिन किसी पवित्र नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें, माना जाता है कि इस कार्य को करने से साधक के सभी प्रकार के पाप एवं दुख नष्ट होते हैं और उसे आरोग्य जीवन का आशीर्वाद तथा भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है। गणेश विसर्जन उत्सव हमें यह शिक्षा देता है कि हर शुरुआत का एक अंत होता है और हर अंत नई शुरुआत की ओर संकेत करता है यह विसर्जन त्याग, समर्पण और परिवर्तन का प्रतीक है। अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन का पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह सामाजिक, एकता, सामूहिकता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक भी है यह पर्व समुदायों को एक साथ लाता है जहां लोग जाति धर्म या वर्ग से ऊपर उठकर एक साथ उत्सव मनाते हैं। यह पर्व हमें अध्यात्म, त्याग, श्रद्धा और सामाजिक समरसता का संदेश देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि जीवन क्षणभंगुर है परंतु विश्वास और भक्ति से हम उसमें अनंत आशा और आनंद भर सकते हैं।

