अक्षय तृतीया पर बाल विवाह को रोकने को झारखंड सरकार ने कसी कमर, साथ देने एनजीओ भी मैदान में

अक्षय तृतीया पर बाल विवाह को रोकने को झारखंड सरकार ने कसी कमर, साथ देने एनजीओ भी मैदान में
अक्षय तृतीय के दिन बाल विवाह मुक्त दिवस घोषित किया जाय : चन्द्रपति यादव (सचिव )
लोहरदगा :महिला एवं बाल विभाग ने बाल विवाह रोकने के लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों को दिए उचित कदम उठाने के निर्देश
एवं अधिकारियों को धार्मिक प्रमुखों, पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक सहित जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया
साथ ही मुख्य विवाह पंजीयक और अन्य पंजीयकों से दुल्हनों की उम्र की जांच करके जानकारी प्रदान करने को कहा गया है, इस निमित्त बाल विवाह मुक्त भारत गठबंधन सहयोगी लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान सरकार की पहल का स्वागत करते हुए कहा, इसे सफल बनाने के प्रयासों में करेंगे पूरा सहयोग
झारखंड सरकार 10 मई को अक्षय तृतीया के पर्व को देखते हुए इस दिन बाल विवाहों को रोकने के लिए पूरी तरह तैयार है और इसके लिए उचित कदम भी उठाए जा रहे हैं। राज्य के महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अक्षय तृतीया के दिन बाल विवाहों की प्रथा को देखते हुए इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। राज्य सरकार की यह पहल जो हर पंचायत को ‘बाल विवाह मुक्त’ बना सकती है, का स्वागत करते हुए बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के गठबंधन सहयोगी लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान ,लोहरदगा ने कहा कि वे इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में हरसंभव सहयोग करेंगे। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान 2030 तक इस सामाजिक अपराध के खात्मे के लिए पूरे देश में काम कर रहे 161 गैरसरकारी संगठनों का गठबंधन है।
इस वर्ष बाल विवाह पर झारखंड सरकार के सख्त रुख की सराहना करते हुए बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के संयोजक रवि कांत ने कहा, “बाल विवाह से निपटने के लिए झारखंड सरकार का बहुआयामी दृष्टिकोण इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिबद्धता और समझ को दर्शाता है। जब राज्य सरकारें ऐसा रुख अपनाएंगी तभी हम इस अपराध को अपने सामाजिक ताने-बाने से प्रभावी ढंग से और तत्काल उखाड़ फेंकने में सक्षम होंगे। झारखंड लगातार इस खतरे से लड़ रहा है और इसके उल्लेखनीय परिणाम भी सामने आये हैं। अक्षय तृतीया के आसपास यह अधिसूचना केवल यह सुनिश्चित करेगी कि बाल विवाह मुक्त झारखंड जल्द ही एक वास्तविकता बन जाए।”
लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान, लोहरदगा के सचिव श्री सी. पी. यादव ने कहा, “अक्षय तृतीया बाल विवाह के लिहाज से संवेदनशील समय है। राज्य सरकार ने इस सामाजिक बुराई के खिलाफ जो दृढ़ रुख अपनाया है, उससे हम आश्वस्त हैं कि हम राज्य से इस बुराई को उखाड़ फेंकने के अपने लक्ष्य में जल्द ही सफल होंगे। हम इन पहलों का स्वागत करते हैं और इस बुराई को उखाड़ फेंकने के लिए राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े हैं। हम इन प्रयासों में पूरी तरह से सहयोग के लिए वचनबद्ध हैं।”
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (एनएफएचएस 2019-21) के आंकड़ों के अनुसार देश में 20 से 24 आयुवर्ग की 23.3 प्रतिशत लड़कियों का विवाह उनके 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया था जबकि झारखंड में यह दर 32.2 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है।