आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सहायक जूनियर सचिव पद पर हुआ पलामू की बेटी अर्चना का चयन

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सहायक जूनियर सचिव पद पर हुआ पलामू की बेटी अर्चना का चयन
मेदिनीनगर। स्टाफ सलेक्शन कमीशन के द्वारा आयोजित संयुक्त हायर सेकेंडरी स्तरीय परीक्षा में ऑल इंडिया 28 वां स्थान प्राप्त कर पलामू की बेटी अर्चना कुमारी जिले का गौरव बढ़ाया है। ग्राम पकरी, पोस्ट किशनपुर, पाटन निवासी नरेंद्र दुबे की छोटी बेटी अर्चना कुमारी ने एसएससी द्वारा आयोजित प्रिलिमनरी, मेन्स परीक्षा एवं साक्षात्कार में शानदार सफलता प्राप्त की है। अर्चना को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सहायक जूनियर सचिव पद मिला है। अर्चना कुमारी विगत तीन वर्षों से मेदिनीनगर स्थित कैंब्रिज पब्लिक स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्य करते हुए अपनी पढ़ाई कर परीक्षा की तैयारी की एवं यह सफलता हासिल की है। अर्चना कुमारी अपने तीन भाई बहनों में सबसे छोटी है एवं वह 12वीं तक की पढ़ाई विमला पांडे मेमोरियल एवं ग्रेजुएशन जीएलए कॉलेज से की है।अर्चना कुमारी ने कहा कि उनके शिक्षक यह कहा करते थे कि बच्चे विद्यालय के परीक्षाओं में सफल हो जाएं तो जरूरी नहीं कि वे अपने जीवन में भी सफल हो सकते हैं। अर्चना ने कहा कि उसे यही बात की डर था कि कहीं वह भी एक उदाहरण बनकर न रह जाए। उन्होंने कहा कि मध्यम परिवार में आने वाले आर्थिक समस्याओं से जुझते हुए वह सरकारी नौकरी का ख्वाब बचपन से ही पाल रखी थी परंतु उसे असफलता का भी डर था। अर्चना को मार्गदर्शन मिला कैरियर प्लेटफार्म के संचालक गगन सर, यूट्यूब पर रानी मैम और नवीन सर आदि शिक्षकों की जहां से अर्चना ने ऑनलाइन माध्यम से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। उन्होंने कहा कि एक ऐसा भी समय आया जब वह कई परीक्षाओं में अपना भाग्य आजमा रही थी परंतु लगातार मिल रही असफलताओं से वह काफी हतोत्साहित हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में कैंब्रिज पब्लिक स्कूल के प्राचार्य एन के भारती सर ने उसे उत्सवर्धन करते हुए क्रमबद्ध अध्ययन करने एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 2025 तक के स्ट्रेटजी तैयार करने की सलाह दी और यही उसके लिए मिल का पत्थर साबित हुआ। उन्होंने कहा कि बड़ी बहन शिखा दुबे ने भी पढ़ाई में काफी मदद की एवं दोनों एक दूसरे के प्रतिस्पर्धा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती थी। उन्होंने कहा कि जब वह लिस्ट में अपना नाम ऑल इंडिया 28 वां स्थान पर देखी तो विश्वास ही नहीं हुआ परंतु अपने पिता के नाम देखकर वह भावुक हो गई। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों, माता बसंती देवी, पिता नागेंद्र दुबे, बहन शिखा दुबे, भाई आयुष दुबे एवं कैंब्रिज पब्लिक स्कूल के सभी सहयोगी शिक्षकों को दिया है।