अपनी परम्पराओं को जीवंत रखने और आपसी भाईचारे के प्रतीक है संस्कृति कार्यक्रम:-बबन

अपनी परम्पराओं को जीवंत रखने और आपसी भाईचारे के प्रतीक है संस्कृति कार्यक्रम:-बबन
पांकी के नौडीहा बहेरा में दीपावली -सोहराय भाई दूज पर्व के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम भक्ति जागरण का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता बबन कुमार सिंह ने कहा कि तेज रफ्तार से भागती जिंदगी और समाज मे बढ़ता पैसों के प्रभाव के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग अपनी परंपरा से जुड़े हुए है जो सुखद है।इसी का परिणाम है कि यहां के धर्म संस्कृति प्रेमी लोगों ने दीपावली जैसे पावन पर्व पर भक्ति जागरण जैसे संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किये है।इस तरह के कार्यक्रम होते रहना चाहिए।इसके साथ ही हम यहां के लोगों से एकऔर आग्रह करना चाहता हूं कि आपलोग शैक्षणिक और राजनीतिक रूप से भी जागरूक हों और अपने हक और अधिकार के लिये लड़े। प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण क्षेत्र आज़ादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी इतना पीछे क्यों है। अपनी इन्ही प्राकृतिक संसाधनों की लूट खसोट और भेदभावपूर्ण नीतियां के खिलाफ अलग राज्य की लड़ाई लड़े और अलग हुए बावजूद जो विकास होना चाहिए था नही हुआ,इसके जिम्मेदार हमारे जनप्रतिनिधिगण है।किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सड़क शिक्षा सिचाई और स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता होता है और इन्ही समस्याओं को दूर करने के लिए जनप्रतिनिधि होते है। यहां के लोगों ने तो अपना कर्तब्य निर्वाहन किया किन्तु जनप्रतिनिधियों ने अपना कर्तव्य का पालन नही किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता सीरम निवासी रिटायर्ड फौजी जसवंत सिंह ने कहा कि सरकारें चाहे केंद्र की हो या राज्य की ,गांव-गरीब के विकास के लिये योजनाएं बनाती है किंतु इन योजनाओं का क्रियान्वयन गाँव और गरीबों के हित में नही हो पाता है।यही कारण है कि गांव और गरीब आजभी काफी पिछड़े है।जरूरत सरकार की इन योजनाओं को जमीन पर उतारने की है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डंडार कला पंचायत के मुखिया प्रद्युम्न कुमार सिंह ने कहा कि गाँव कस्बों में आयोजित इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों से आपसी भाईचारा बढ़ता हैऔर मिलजुल कर रहना सिखाता है। इस तफह के सांस्कृतिक कार्यक्रम ,भक्ति जागरण हमे अपनी जड़ों,और जीवन मूल्यों से जोड़े रहती है। हमारे पर्व तयौहार भी आपस मे मिलजुल रहना सिखाता है।कार्यक्रम में कलाकारों ने भी समय की महत्ता को समझते हुए अच्छे अच्छे भक्ति गीत गाकर लोगों का मनोरंजन किया।