पीएनएम कंपनी के खिलाफ विस्थापितों ने दिया धरना

पीएनएम कंपनी के खिलाफ विस्थापितों ने दिया धरना
बालूमाथ प्रखंड क्षेत्र में सीसीएल द्वारा संचालित तेतरियाखांड कोलियरी में ओबी एवं कोयला रेजिंग का कार्य कर रही पीएनएम कंपनी द्वारा स्थानीय विस्थापितो को काम से हटा दिए जाने के बाद विस्थापितो ने क्षेत्रीय कल्याण समिति सीसीएल के सदस्य गिरधारी यादव के नेतृत्व में तेतरियाखांड स्तिथ पिट ऑफिस में गुरुवार को धरना दिया । मौके पर जानकारी देते हुए गिरधारी यादव ने बताया की पीएनएम कंपनी द्वारा लातेहार एसडीओ एवं लातेहार विधायक की उपस्थिति में स्थानीय लोगो को काम पर रखने के लेकर पूर्व में समझौता हुआ था ।लगभग तीन वर्षों से कंपनी द्वारा 25 से अधिक स्थानीय लोगो को ड्राइवर,सुपरवाइजर,गार्ड की नौकरी पर रखा गया था । लेकिन बीते 31 अक्टूबर से सभी स्थानीय लोगो को काम से हटा दिया गया ।और उनके जगह पर बाहरी लोगों को बहाल कर दिया गया ।इसको इसको लेकर परियोजना पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें कंपनी के मैनेजर शंभू प्रसाद सिन्हा उपस्थित थे । बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कंपनी के मालिक विपिन मिश्रा की उपस्थिति में 8 नवंबर को अग्रिम फैसला होगा ।जो दोनों पक्षों के मान्य होगा लेकिन जब समझौते पर हस्ताक्षर की बारी आई तो कंपनी के मैनेजर शंभू प्रसाद बैठक से उठकर चले गए । इसके बाद हम लोगों ने सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए कंपनी के खिलाफ धरना दिया है ।अगर कंपनी हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो हम लोग आगे भूख हड़ताल,चक्का जाम सहित कई चरणबद्ध आंदोलन करेंगे ।वही कंपनी में कार्यरत कर्मियों ने परियोजना पदाधिकारी को एक आवेदन देकर आरोप लगाया है कि मनोज यादव पिता कैलाश यादव ग्राम पिंडरकोम तथा प्रदीप यादव पिता वकील यादव ग्राम नगडा दोनों उग्रवादी संगठन के पृष्ठभूमि आते हैं और कोयले का लिफ्टिंग के नाम पर बहुत बड़े पैमाने पर कोल माफिया है ।विस्थापित एवं स्थानीय होने के वजह से पूरे तेतरियाखांड हाईजैक हुए हैं ।जो जांच का विषय है ।और पीएनएम कंपनी से इन लोगों का सांठ-गांठ है ।वही इस सम्बंध में पूछे जाने पर प्रदीप यादव ने बताया कि हमलोग एक सामाजिक व्यक्ति है ।कोयला का व्यवसाय करते है ।लेकिन उन्होंने द्वारा हमलोगों को बदनाम करने की नीयत से झूठा आरोप लगाया जा रहा है ।