JPSC में करीब 100 अभ्यर्थियों की कॉपी में ओवरराइटिंग,

पहली और दूसरी जेपीएससी की परीक्षा में जबरदस्त धांधली की गयी है. हाईकोर्ट में सीबीआई ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि लगभग 100 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका में ओवरराइटिंग कर न सिर्फ नंबर बढ़ाये गये, बल्कि उन्हें इंटरव्यू में भी ज्यादा नंबर दिये गये हैं. इस बात की पुष्टि एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री) की जांच में भी हुई है. इसमें जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष व सदस्य राधा गोविंद नागेश और को-ऑर्डिनेटर परमानंद सिंह की काफी महत्वपूर्ण भूमिका थी. हाईकोर्ट में सीबीआई द्वारा दी गयी इस जानकारी के बाद अदालत ने सरकार से यह पूछा है कि जिन अफसरों के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया से सही पाये गये हैं, उनके खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गयी है.दरअसल बुद्धदेव उरांव ने जेपीएससी द्वारा ली गयी विभिन्न परीक्षाओं में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए 2008 में जनहित याचिका दाखिल की थी. जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इन परीक्षाओं की सीबीआई जांच करने का निर्देश दिया था