जमुआ में महिला थाना स्थापना की मांग पर विधानसभा में गरजीं विधायक मंजू कुमारी, सरकार के जवाब को बताया अपर्याप्त
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान जमुआ की विधायक मंजू कुमारी ने अपने क्षेत्र में महिला थाना स्थापना को लेकर जोरदार मांग उठाई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जमुआ जैसा विस्तृत व ग्रामीण क्षेत्र केवल गिरिडीह शहर स्थित एकमात्र महिला थाना के भरोसे नहीं चल सकता। इस दौरान उन्होंने सरकार के जवाब पर गहरा असंतोष भी जताया और कहा कि उनकी मांग को हल्के में लिया गया है।
विधायक ने सदन में आंकड़ों और जमीनी अनुभवों के आधार पर बताया कि गिरिडीह महिला थाना जमुआ क्षेत्र से लगभग 50 से 60 किलोमीटर दूर है। इस लंबी दूरी के कारण ग्रामीण महिलाओं को गंभीर मामलों में भी थाना पहुँचने में अत्यधिक समय और खर्च दोनों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई बार पीड़ित महिलाएँ सामाजिक संकोच, परिवहन की कमी और आर्थिक मजबूरियों के कारण शिकायत दर्ज कराने ही नहीं जा पातीं, जिससे अपराधियों के हौसले और बढ़ जाते हैं।
सरकार द्वारा यह कहकर मामले को निपटाने की कोशिश की गई कि जमुआ थाना परिसर में महिला हेल्प डेस्क संचालित है। इस पर आपत्ति जताते हुए मंजू कुमारी ने कहा कि केवल हेल्प डेस्क से महिलाओं की संवेदनशील शिकायतों और गंभीर मामलों की उचित सुनवाई संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “एक महिला होने के नाते मैं जानती हूँ कि ग्रामीण महिलाओं को न्याय तक पहुँचने में कितनी अड़चनें आती हैं।”
विधायक ने जोर देकर कहा कि ग्रामीण महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने पुनः आग्रह किया कि जमुआ विधानसभा क्षेत्र में महिला थाना की स्थापना अविलंब की जाए, ताकि दूर-दराज की महिलाएँ बिना भय के अपने अधिकार और न्याय की माँग कर सकें।
सदन के अंदर उठाए गए इस मुद्दे को स्थानीय महिलाओं, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन दिया है। क्षेत्र में लंबे समय से महिला थाना स्थापना की माँग उठती रही है और लोगों को उम्मीद है कि सरकार अब इस पर गंभीर निर्णय लेगी।

