तथागत बुद्ध के अनुयायियों को संविधान रक्षा के लिए आगे आना होगा: शत्रुघ्न कुमार शत्रु
आज राष्ट्रीय बौद्ध महासभा के प्रशिक्षण वर्ग में झारखण्ड के प्रत्येक जिले, बिहार व उत्तर प्रदेश से आये उपासक/उपासिकाओं ने बी०एन० काॅलेज रोड हमीदगंज से अम्बेडकर पार्क मेदिनीनगर तक सैकड़ैं की संख्या में धम्म व पंचशील यात्रा निकालकर त्रिशरण, पंचशील व संविधान की प्रस्तावना पाठ में भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय बौद्ध महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सेवानिवृत्त आरक्षी उपाधीक्षक रामलाल राम बौद्ध व संचालन आर०बी०एम के प्रदेश महासचिव रवि पाल ने किया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अध्यक्ष रामलाल राम बौद्ध,ईश्वरी महतो,रामजी बौद्ध, सुषमा बौद्ध,ललन प्रजापति व शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने बाबा साहेब की आदमकद प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण कर किया,इसके बाद उपस्थित तमाम उपासक/उपासिकाओं ने पुष्पांजलि कर नमन किया।
इसके बाद बौद्धाचार्य दिलकेश्वर कुशवाहा ने पंचशील व त्रिशरण व यशवंत पासवान ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ करवाया।
कार्यक्रम में सेवानिवृत्त शिक्षक श्यामदेव प्रसाद मेहता ने संविधान के अनुच्छेद 51 पर विस्तार से चर्चा कर लोगों को जागृत किया।
इस अवसर पर राजद नेता एस एम शाहनवाज,ईश्वरी मेहता,रामजी बौद्ध,सुषमा बौद्ध व अध्यक्ष रामलाल बौद्ध ने तथागत बुद्ध के रास्ते चलकर स्वर्णिम बौद्ध मत भारत बनाने में जुड़ने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने राष्ट्रीय बौद्ध महासभा के प्रशिक्षण वर्ग में आये हुए सभी प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि आज मेदिनीनगर के अम्बेडकर पार्क में संविधान चर्चा, पंचशील,त्रिशरण के 17 वें कार्यक्रम में शामिल होना एक महत्वपूर्ण अवसर है।आज जिस तरीके से सत्ता में बैठी हुई मनुवादी व सामंती ताकतें संविधान पर हमला कर रही हैं,ऐसे समय में बौद्ध धम्म के अनुयायियों के कंधे पर इसे बचाने की बड़ी जवाबदेही है।अगर भारत को फिर से सोने की चिड़ियां बनाना है,तो तथागत बुद्ध के रास्ते पर चलना होगा।सबको पता है कि आर०एस०एस० के झूठ की फैक्ट्री से उत्पन्न सत्ताधारी लोग हर मोर्चे पर भारत को साम्प्रदायिक गारत में मिला रहे हैं,ऐसे तमाम बौद्धिष्टों समेत धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करने वाले लोगों को मिलकर सबको जगाना होगा।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुवे संचालक रवि पाल ने ऐसे कार्यक्रमों को गांव स्तर तक संचालित करने की जिम्मेदारी उपस्थित उपासक/उपासिकाओं को दिते हुवे आज प्रशिक्षण के अंतिम दिन राष्ट्रीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म प्रकाश भारतीय बौद्ध समेत अन्य विद्वानों के विचार सुनने का आग्रह किया।
इस अवसर पर पंचशील व राष्ट्रध्वज के साथ तथागत बुद्ध की करुणा हो,बौद्ध धम्म की क्या पहचान? मानव-मानव एक समान,बुद्धंगगनभेदु शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि व धम्मं शरणं गच्छामि आदि गगनभेदी नारे के साथ समाप्ती की घोषणा की गई।

