“सतयुग की अमर गाथा: ठाकुरगांव के बिंदु बसईर में बहन की स्मृति आज भी पूजित
सतयुगी बिंदु बसईर की कथा ठाकुरगांव, रांची क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध है। यह एक लोककथा है जिसमें सात भाई और एक बहन की कहानी सुनाई जाती है। कथा के अनुसार, सातों भाइयों ने अपनी छोटी बहन का मांस खा लिया था, केवल सबसे छोटा भाई (जो एक आंख से अंधा था) ने ऐसा नहीं किया। बहन की मृत्यु के बाद, उसकी याद में वहां एक बस (बरगद या अन्य स्थानीय पेड़) उग आया, जिसे आज भी पवित्र माना जाता है। स्थानीय मान्यता है कि उस पेड़ की शाखाओं और लताओं में बहन के बाल, मांस और खून का प्रतीक देखा जाता है, और वहां पूजा-अर्चना की जाती है।
इस कथा का स्थान ठाकुरगांव, रांची के पास स्थित है, जहां आज भी लोग बिंदु बसईर स्थल पर पूजा करने और कथा सुनने जाते हैं। यह कहानी भाई-बहन के रिश्ते, बलिदान और पश्चाताप की लोकधारणा को दर्शाती है, और सतयुग के समय की घटनाओं के रूप में लोकमान्यता में जीवित है
