एसडीएम ने कांडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का किया औचक निरीक्षण
“एंटी वेनम” और “एंटी रेबीज” उपलब्धता का दिया निर्देश
गढ़वा । सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार द्वारा आज कांडी प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का उद्देश्य चिकित्सकीय सेवाओं की उपलब्धता और स्वास्थ्य केंद्र में निर्धारित मानकों के पालन की प्रथम दृष्टया जांच करना था।
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने सर्वप्रथम डॉक्टरों की ड्यूटी रोस्टर और उपस्थिति की जांच की। मौके पर ओपीडी में रोस्टर के अनुरूप चिकित्सक अमित कुमार मरीजों का इलाज करते हुये मिले। उन्होंने बताया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मझिआंव सदर अस्पताल में हैं। इस दौरान अस्पताल की साफ सफाई, वार्ड की स्थिति, जीवन रक्षक दवाइयों, ओपीडी में आने वालों को नि:शुल्क दवाइयों की उपलब्धता आदि की स्थिति का जायजा लिया।
अस्पताल में नहीं है सांप काटने की दवा (एंटी वेनम)
इस दौरान एसडीएम ने पाया कि अस्पताल में एंटी वेनम (सर्पदंश की दवा) और रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं थे। एसडीएम ने इसे अस्वीकार्य बताते हये चिंता व्यक्त की और संबंधित प्रभारी को निर्देशित किया कि अतिशीघ्र एंटी वेनम और रैबीज इंजेक्शन आदि जीवनरक्षक उपायों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को तत्काल उपचार मिल सके।
उन्होंने कहा कि कांडी का क्षेत्र सोन नदी और कोयल नदी से घिरा हुआ इलाका है। जहां नमीयुक्त भौगोलिक स्थिति के कारण करैत आदि जहरीले सांप बड़ी संख्या में निकलते हैं। कई बार सांप काटने के पीड़ित लोग मझिआंव पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं, पिछले दिनों ऐसी खबरें अखबार में आई भी थीं। किंतु यदि कांडी में ही एंटी वेनम दवाइयां उपलब्ध रहें तो लोगों की जान बचाई जा सकती है। इस संबंध में उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को फोन पर निर्देश दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि कांडी, बरडीहा जैसे दूरस्थ इलाकों के लोगों को आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं ससमय और निर्बाध रूप से मिलनी चाहिये, इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों के द्वारा भी नियमित रूप से क्षेत्रीय निरीक्षण किए जाने चाहिए ताकि जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
अपील : सांप काटने पर झाड़-फूंक नहीं, अस्पताल पहुंचें
एसडीएम में क्षेत्र के नागरिकों से भी अपील की कि वे करैत जैसे जहरीले सांपों के काटने पर बिना एक पल गंवाए तुरंत निकटवर्ती अस्पताल पहुंचें। झाड़ फूंक के लिए ओझा गुनी के पास जाने पर जो समय बर्बाद हो जाता है उसके उपरांत जीवन रक्षा संभव नहीं हो पाती है। उन्होंने अनुमंडल क्षेत्र के सभी अस्पतालों को भी निर्देशित किया कि वे सर्पदंश के मामलों में त्वरित चिकित्सा सुविधा दें।
