पांकी के जांजो में धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता सेनानी नीलांबर पीतांबर का शहादत दिवस
पांकी के जांजो में धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता सेनानी नीलांबर पीतांबर का शहादत दिवस
सहादत दिवस के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम सह मेला में उमड़ी हजारों लोगों की भीड़
पांकी हेरहंज सीमांत क्षेत्र के ग्राम जांजों में शुक्रवार को स्वतंत्रता सेनानी नीलांबर पीतांबर का 168 वां शहादत दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पांकी प्रखंड प्रमुख पंचम प्रसाद, विधायक प्रतिनिधि राजेंद्र यादव, जिला परिषद प्रतिनिधि मुकेश सिंह चंदेल, जिला परिषद प्रतिनिधि शिवनाथ रजक, भाजपा प्रदेश कोषाध्यक्ष श्रीमती लवली गुप्ता, मुखिया प्रतिनिधि विनोद यादव सहित अखिल भारतीय खरवार आदिवासी समाज के कई बड़े नेता शामिल हुए,
सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानी नीलांबर पीतांबर की भव्य प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पाहन के द्वारा विधिवत पूजा अर्चना के पश्चात की गई जिसके बाद अतिथियों को अखिल भारतीय खरवार आदिवासी समाज के लोगों ने फूल माला पहनाकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के संबोधन में प्रखंड प्रमुख पंचम प्रसाद सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि नीलांबर पीतांबर पलामू के वीर सपूत थे, इन दोनों भाइयों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी व भारत माता को गुलामी की जंजीर से आजाद करने के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए। वीर शहीद नीलांबर पीतांबर की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता है। देश को स्वतंत्र करने के लिए 1857 में पहली क्रांति के दौरान भोक्ता खरवार चेरो जाति के जागीरदारों को मिलकर ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध लड़ाई लड़ी जिसका नेतृत्व वीर शहीद नीलांबर पीतांबर ने किया। देश के अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने जब अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूकने का ऐलान किया तो इधर पलामू में भी वीर सपूत दोनों भाई नीलांबर पीतांबर के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ बिगूल फूंका गया। दोनों भाइयों ने बहादुरी के साथ अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी।लेकिन अंग्रेजों ने धोखे से वीर शहीद नीलांबर पीतांबर को गिरफ्तार कर लिया गया और बिना कोई कानूनी कार्रवाई किए बड़ी निर्ममता के साथ दोनो भाइयों को फांसी की सजा दे दी। संबोधन कार्यक्रम के पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम में बाहर से आए कलाकारों ने झारखंडी लोकगीत एवं लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी जिससे दर्शक झूमने पर मजबूर हो गए।
मौके पर हेरहंज जिला परिषद सदस्य चंचला देवी, अनूप गुप्ता, पप्पू यादव, लखन कुमार, ब्यास यादव, अखिल भारतीय आदिवासी समाज के अध्यक्ष करमजीत सिंह, सूर्यदेव सिंह, मनजीत सिंह, दसु सिंह, झगरू सिंह, दामोदर सिंह ,मनोज सिंह, नरेश सिंह, प्रकाश सिंह, विष्णु देव सिंह ,लालदेव सिंह ,धर्मदेव सिंह, सहित हजारों लोग उपस्थित थे।
