पांकी के माड़न में कल्याण विभाग की योजना में की जा रही हेराफेरी, विभाग मौन

पांकी के माड़न में कल्याण विभाग की योजना में की जा रही हेराफेरी, विभाग मौन

देवस्थान को सरणा स्थल बनाकर किया जा रहा कार्य, मुखिया ने जताई आपत्ति

लाभुक समिति के अध्यक्ष सचिव को नहीं है कार्य की कोई जानकारी, बिचौलियागिरी हावी

पांकी प्रखंड के माड़न पंचायत में कल्याण विभाग द्वारा संचालित कई योजनाओं में बड़े पैमाने पर हेरा फेरी करने का मामला प्रकाश में आया है प्राप्त जानकारी के अनुसार पांकी के माड़न में सरना स्थल चारदीवारी निर्माण कार्य लगभग 25 लाख रुपए की लागत से किया जा रहा है इसके साथ माड़न गांव में महदानी सरना स्थल का भी कार्य लगभग 25 लाख की लागत से एवं माड़न पंचायत के केरकी में सरणा सुंदरीकरण का कार्य भी लगभग 25 लाख रुपए की लागत से किया जाना है। फिलहाल सरणा स्थल चार दिवारी एवं महदानी सरना स्थल पर चार दिवारी का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है लेकिन सरना चार दिवारी के निर्माण कार्य में मानक को ताख पर रखकर घटिया सामग्री का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है, निर्माण कार्य में चिमनी ईंट की जगह घटिया बंग्ला ईंट एवं स्थानीय नदी से मिट्टी युक्त बालू का उपयोग करने के साथ सीमेंट एवं सरिया मानक के अनुसार नहीं लगाने का मामला प्रकाश में आया है। मौके पर मौजूद सरना चार दीवारी निर्माण कार्य के सचिव उपेंद्र उरांव ने खुद इस बात की खुलासा करते हुए बताया कि स्थानीय नदी से बालू एवं स्थानीय बंगला भट्ठे के ईंट का उपयोग किया गया है वहीं उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य में 10 mm का छड़ लगाया गया है। वही प्लिंथ की ढलाई 8 इंच की गई है, लाभुक समिति के सचिव उपेंद्र उरांव ने यह भी बताया कि योजना की प्राक्कलीत राशि की उन्हें जानकारी नहीं है कुछ बिचौलिया के दिशा निर्देश पर कार्य प्रारंभ किया गया है व उन्हें कार्य की प्रकलित राशि के बारे में 15 लाख ही बताया गया है।
सरना स्थल से मात्र 200 फीट की दूरी पर महदानी स्थल है जो देवस्थल है लेकिन कल्याण विभाग की आंख में धूल झोंककर उसे महदानी सरना स्थल कर दिया गया है ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक छोटे से गांव में दो स्थानों में वह भी मात्र 200 मीटर की दूरी में आखिर दो सरणा स्थल का कार्य कैसे शुरू किया गया और विभाग को इसकी कोई जानकारी तक नहीं है जबकि उक्त गांव में पूर्व में ही एक सरना स्थल की चारदीवारी भी हो चुकी है।
हालांकि मामले की जानकारी होने के बाद पंचायत के मुखिया साजदा खातून ने तत्काल विभाग को जानकारी देते हुए कार्य को बंद करवा दिया है, मुखिया ने बताया कि बगैर मुखिया के हस्ताक्षर के ग्राम सभा कर देवस्थान को सरना स्थल किया जाना बेहद दुर्भाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी।
आपको बता दें कि लगभग 25 लाख रुपए की लागत से माड़न के केरकी गांव में भी सरना स्थल सुंदरीकरण का कार्य फिलहाल स्वीकृत हुआ है लेकिन स्थानीय लोगों की माने तो वह स्थल भी देवस्थल था जिसे बिचौलियों के द्वारा सरना स्थल बतलाकर कार्य पूर्ण कर लिया गया बावजूद विभाग को इसकी कोई खबर तक नहीं लगी। पुणः उस स्थल का सुंदरीकरण कार्य विभाग ने स्वीकृत कर दिया है यदि इस मामले की सघनता से जांच की जाए तो कई चेहरे बेनकाब होंगे, एवं धार्मिक स्थल के साथ छेड़छाड़ मामले से पर्दा उठ सकेगा।

इस संबंध में कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी, कार्य गुणवत्ता पूर्ण करना है, कार्य की जांच की जाएगी।