एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण के विरोध में पलामू में सफल बंदी, शत्रुघ्न ने पलामू वासियों का जताया आभार
एससी एसटी आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ पलामू में अभूतपूर्व बंदी सफल, बंदी को सफल बनाने के लिए पलामू वासियों को हार्दिक आभार: शत्रुघ्न
21 अगस्त 2024(मेदिनीनगर)
पलामू के जिला मुख्यालय मेदिनीनगर समेत सभी प्रखण्डों व पंचायतों व ग्रामों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रिमीलेयर लागू करने के खिलाफ आयोजित भारत बंद अभूतपूर्व सफल रहा है,जिसके लिए झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने सभी राजनीतिक दलों,जन संगठनों व एससी-एसटी व ओबीसी संगठनों से जुड़े सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं व दलित-आदिवासी एक्टीविस्टों, मीडिया व प्रशासनिक अधिकारियों को सकारात्मक सहयोग के लिए आभार प्रकट किया है।
ज्ञातव्य है कि आज की बंदी को सफल बनाने में एससी एसटी आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति पलामू के अलावा राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, जेएमएम,भाकपा माले,बहुजन समाज पार्टी,आजाद समाज पार्टी, झारखण्ड क्रांति मंच,जन संग्राम मोर्चा,आईसा,दिहाड़ी मजदूर यूनियन, आजसू रविदास महासभा पलामू, भुईयां महासभा, राष्ट्रीय बौद्ध महासभा,जे०एल०के०एम० एससी,एसटी, ओबीसी एण्ड माइनारिटी एकता मंच, समाजिक न्याय परिषद,धोबी महासभा,फूलन देवी विचार मंच आदि विभिन्न संगठनों के लोगों ने बंदी अभूतपूर्व सफल बनाकर देश के प्रधानमंत्री व सुप्रीम कोर्ट में कोलेजियम से चयनित सभी जजों को यह संदेश दिया कि एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रिमीलेयर लागू कर आरक्षण समाप्त करने की किसी भी साजिश का संवैधानिक तरीके से मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा,आज की बंदी तो एक झांकी है,अगर अभी भी हमारे आरक्षण को समाप्त कर आपस में लड़ाने का षडयंत्र जारी रहेगा तो इससे भी उग्र आन्दोलन होगा।
स्थानीय राजेन्द्र चौक पर बंद समर्थकों व आन्दोलन कारियों को सम्बोधित करते हुए झारखण्ड क्रांति मंच के अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने कहा कि वंशवादी परंपरा के तहत कोलेजियम सिस्टम से बिना परीक्षा के चयनित सुप्रीम कोर्ट के जजों ने संविधान के आर्टिकल 341 में उल्लेखित प्रावधानों का उल्लंघन कर एससी एसटी आरक्षण को समाप्त करने का षडयंत्र रचा है,जो निंदनीय है। सुप्रीम कोर्ट को यह बताना चाहिए कि एससी-एसटी वर्गों को संविधान प्रदत आरक्षण के तहत केन्द्रीय सेवाओं में 10 लाख से ज्यादा व सभी राज्यों में 30 लाख के लगभग बैकलाग के तहत खाली रिक्तियां आजतक क्यों नहीं भरी गई?इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आजतक संज्ञान क्यों नहीं लिया?क्यों इस देश व राज्यों की सरकारें ने बिना रोक-टोक के एससी-एसटी सब प्लान की राशि दूसरे मदों में खर्च करती रहीं?
जगह-जगह चौक-चौराहों पर आयोजित बंदी में बंद समर्थकों ने “कोलेजियम सिस्टम के तहत जजों की न्युक्ति बंद करो, एससी एसटी आरक्षण में बंटवारा नहीं चलेगा, एससी एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रिमीलेयर नहीं चलेगा, एससी एसटी को आपस में लड़ाना बंद करो, एससी एसटी आरक्षण पर न्यायिक हमला बंद करो, एससी-एसटी,ओबीसी एकता जिंदाबाद, भारतीय संविधान ज़िन्दा बाद आदि गगनभेदी नारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा।
बंदी में राजद के जिलाध्यक्ष धन्नजय पासवान, ईश्वरीय महतो,विजय चन्द्रवंशी,इसतेयाक अली, जेएमएम जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिन्हा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष जैशरंजन पाठक, गिरिजा राम पासवान भाकपा माले जिला सचिव आर०एन०सिंह,बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजन मेहता,जिलाध्यक्ष अजय कुमार भारती,आजाद समाज पार्टी के मुमताज खान, नागमणि रजक, भीम आर्मी के रामकुमार रवि,अजय सिंह चेरो,आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति पलामू के संदीप पासवान, विरेन्द्र पासवान,जन संग्राम मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष युगल किशोर पाल, रविदास महासभा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामदयाल राम, अखिल भारतीय भुईयां कल्याण समिति के गोपाल भुईयां, चंदन कुमार मुखिया संघ महासचिव नावाबाजार, अखिल भारतीय धोबी महासभा के पलामू संरक्षक अधि० कृष्ण कन्हैया,जेएलकेएम के प्रीति राज, छात्रावास अधीक्षक प्रो०अजय राम आदि नेतृत्व कर रहे थे।
