रेल दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को इस्तिफा दे देना चाहिए: –शत्रुघ्न कुमार शत्रु*
बार-बार की रेल दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को इस्तिफा दे देना चाहिए: शत्रुघ्न कुमार शत्रु
18 जून 2024(मेदिनीनगर)
झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने आज मेदिनीनगर में प्रेस बयान जारी कर न्यू जलपाईगुड़ी में कंचनजंघा एक्सप्रेस व मालगाड़ी के बीच हुई भीषण टक्कर में लगभग 15 व्यक्तियों की मौत व 30 से ज्यादा घायल होने पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा है कि देशवासियों को बुलेट ट्रेन का सपना दिखाते -दिखाते पीएम मोदी व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे को मौत की गारंटी वाला ट्रेन बना दिया है,जो गंभीर चिंता का विषय है।
जारी बयान में उन्होंने कहा है कि ट्रेन दुर्घटनाओं से बचने के लिए 4 जून 2022 से एंटी कोलिजन डिवाइस का ढिंढोरा पीटनेवाले कारपोरेट के गुलाम व रेल दुर्घटनाओं को लेकर बहरे,भोथर,थेथर व बेशर्म हो चुके (मोदी 3.0 सरकार में भी) रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव के पास नैतिकता नाम की कोई चीज नहीं बची है।इस मामले में चाहे पीएम श्री नरेन्द्र मोदी हों अथवा कई भीषण रेल दुर्घटनाओं के वाहक रहे रेल मंत्री श्री वैष्णव हों,इस बार के मंत्रिमंडल विस्तार में श्री वैष्णव जैसे विफल व्यक्ति को फिर से रेल मंत्री बनाकर पीएम मोदी ने अदूरदर्शिता व रेलवे के निजीकरण की प्रतिबद्धता का परिचय दिया है,जो चिंतनीय है।
भारतीय रेलवे में टक्कर रोधी सुरक्षा उपकरणों की अनुपलब्धता,रेलवे ट्रैक,सिग्नल,लोकोपायलट समेत अन्य जरुरी कर्मचारियों की न्यूक्ति नहीं होने से ऐसी भयावह दुर्घटनाएं प्रतिवर्ष सैकड़ों लोगों की जान लेती रही हैं,जिनकी मौत पर चंद मुआवजा राशि बांटकर पीएम व रेल मंत्री अपनी जवाबदेही से मुक्त नहीं हो सकते हैं। निश्चित रूप से उक्त दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव को अपने पद से शीघ्र इस्तीफा दे देना चाहिए,साथ ही इन पर हत्या का मुकदमा भी चलना चाहिए।
बयान के अंत में उन्होंने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे को पीएम मोदी द्वारा अडानी/अम्बानी के हाथों बेचने के प्रयास की कड़ी में ऐसी रेल दुर्घटनाएं जानबूझकर होने दी जा रहीं हैं।विशेष रेलवे बजट को तिरोहित कर आम बजट के साथ प्रस्तुत करने की प्रवृति अब समाप्त होनी चाहिए। भारतीय ट्रेनों के शौचालयों तक में भेड़-बकरियों की तरह यात्रा करने को मजबूर यात्रियों की सुविधाओं को बहाल करने के बदले मौत के मुंह में डालने वाले मोदी व अश्विनी वैष्णव का बहिष्कार होना चाहिए।
