एम.के.डी.ए.वी. में त्रिदिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला का हुआ समापन ।

एम.के.डी.ए.वी. में त्रिदिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला का हुआ समापन ।
31 मार्च 2024 को के एम.के.डी.ए.वी.पब्लिक स्कूल में चल रही त्रिदिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला का समापन हुआ । इस समापन समारोह में उद्बोधन करते हुए डॉक्टर जी. पी. झा क्लस्टर हेड झारखंड क्षेत्र आई सह प्राचार्य एम.बी. डी.ए.वी.पब्लिक स्कूल लोहरदगा ने कहा कि आज का समय चुनौतियों से भरा पड़ा है । हमारी कुशलता उन चुनौतियों को पार करने हेतु शिक्षण तकनीक में बदलाव लाना है। हमें विश्वास है कि आप सभी इस कार्यशाला से कुछ नया सीखे होंगे,जो आपके प्रभावी शिक्षण हेतु सहायक होगा। आप इसे ईमानदारी पूर्वक कक्षा-कक्ष तक ले जाएं जिससे बच्चों को अधिकाधिक लाभ मिल सके ।
आज प्रथम सत्र की शुरुआत गायत्री मंत्र से हुई । ई.ई.डी.पी में प्रथम एवं द्वितीय सत्र “असेसमेंट इन नर्सरी क्लासेस” विषय एम.के. डी.ए.वी. डालटेनगंज की शिक्षिका श्रीमती प्रियंवदा मिश्रा द्वारा अत्यंत रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया । तीसरा सत्र “एक्शन वर्ड्स” विषय डी.ए.वी.गुमला की शिक्षिका श्रीमती प्रज्ञा पल्लवी द्वारा प्रस्तुत किया गया, जो शिक्षकों को अत्यंत रोचक एवं कक्षोपयोगी लगा। आज के सभी विषयों हेतु समवेत सत्र में प्रथम सत्र “इंक्लूसिव एजुकेशन” एन.ई.पी.2020″ विषय श्रीमती चिंशू सिंह द्वारा अभिक्रियात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया ।
द्वितीय सत्र “जेंडर सेंसिटिविटी” विषय पर आधारित था । यह सत्र डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल झारखंड क्षेत्र आई के सहायक क्षेत्रीय अधिकारी सह प्राचार्य एम.के.डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल डालटेनगंज, डॉक्टर जी .एन. खान के द्वारा प्रस्तुत किया गया। डॉक्टर खान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में आज भी लैंगिक भेदभाव होता है,जिसे दूर करने की जिम्मेदारी हम सभी शिक्षकों की है। शिक्षा ही एकमात्र वह उपकरण है जिसके माध्यम से हम इस सामाजिक बुराई को समाप्त कर सकते हैं। लैंगिक भेदभाव समाज को कमजोर करता है । यह सामाजिक ही नहीं बल्कि आर्थिक रूप से भी देश को कमजोर करता है। इसे दूर कर हम किन्नर समाज को भी देश के आर्थिक विकास में सहयोगी बन सकते हैं। यह वर्ग केवल बधाई देने एवं आशीर्वाद देने के लिए नहीं है। इनका देश की उन्नति में योगदान हो सकता है, किंतु विडंबना यह है कि आजादी के 76 वर्ष बाद भी यह वर्ग आज भी उपेक्षित है। यह चिंता का विषय है ।हमें लैंगिक भेद-भाव मिटाने की शुरुआत अपने घर से करनी होगी। माता-पिता , सास-ससुर, बेटा, बेटी व बहू को समान व्यवहार प्रदान करें, तो यह समस्या दूर हो सकती है । संपत्ति की हिस्सेदारी में भी सामानता लानी होगी। उन्होंने साक्षी मल्लिक के जीवन संघर्ष एवं उपलब्धियां के माध्यम से नारी सशक्तिकरण पर भी चर्चा की। उन्होंने शिक्षकों को निर्देशित करते हुए कहा कि हमें कक्षा- कक्ष में संस्कार क्षम वातावरण का निर्माण करना है। परिवारों में भी लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित करनी होगी ।
समापन समारोह में धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर जी. पी.झा क्लस्टर हेड झारखंड क्षेत्र आई सह प्राचार्य एम.बी.डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल लोहरदगा ने किया। इस अवसर पर डॉक्टर आर.के.साहू प्राचार्य डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल गुमला,श्री राजेंद्र सचदेवा प्राचार्य भवनाथपुर, श्री ए. के. चौबे प्राचार्य गढ़वा, श्री जी. के.सहाय प्राचार्य लातेहार, श्री आर.के. झा प्रभारी शिक्षक सिमडेगा,श्री अश्विन पात्रा प्रभारी शिक्षक डी. ए. वी.पब्लिक स्कूल लोहरदगा उपस्थित थे।