गणतंत्र दिवस पर एम. के. डी. ए. वी. में शान से फहराया गया राष्ट्रीय ध्वजा तिरंगा
गणतंत्र दिवस पर एम. के. डी. ए. वी. में शान से फहराया गया राष्ट्रीय ध्वजा तिरंगा ।
26 जनवरी 2024 को एम. के. डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल मेदनीनगर में देश के राष्ट्रीय ध्वजा तिरंगे को फहरा कर 75 वां गणतंत्र दिवस धूम-धाम से मनाया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री प्रजेश कांत जेना, जिला वन संरक्षण पदाधिकारी , उपनिदेशक पलामू व्याघ्र संरक्षण थे । विशिष्ट अतिथि विद्यालय के स्थानीय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष श्री सतवीर सिंह राजा , सदस्य डॉक्टर जय कुमार , श्री के एन सिंह नायक सूबेदार , श्री गुरवीर सिंह , सूबेदार मेजर श्री मन्ना उरांव , डॉक्टर संजीव श्रीवास्तव प्राचार्य डी. ए. वी. इंजीनियरिंग कॉलेज मेदिनीनगर उपस्थित थे । कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि ने परेड का निरीक्षण किया और राष्ट्रगान के साथ ध्वजारोहण किया । इसके बाद विद्यालय के 6 सदनों के छात्र , एनसीसी कैडेट्स ,स्काउट एंड गाइड्स ने मार्च पास्ट प्रस्तुत किया । विद्यालय के बैंड के सदस्य छात्रों ने भी अपनी प्रस्तुति दी । तत्पश्चात देश की नवीनतम घटनाओं , संस्कृति , झारखंडी विरासत इत्यादि पर आधारित मनमोहक झांकियां प्रस्तुत की गई । देशभक्ति पर आधारित नृत्य एवं समूह गान और छोटे बच्चों द्वारा एरोबिक्स प्रस्तुत किया गया । जिसका दर्शकों ने उत्साह पूर्वक, पूरे मन से आनंद लिया ।
इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात देश के कर्णधारों के समक्ष बड़ी समस्या यह थी कि विविधताओं से भरे देश को प्रगति मार्ग पर आगे कैसे ले जाया जाए । ऐसे में हमारा संविधान उनका पथ प्रदर्शक बना । इसमें सभी को समान अधिकार प्राप्त हुआ ।जब भी देश पर कोई बड़ा संकट आता है सारा देश उसके मुकाबले के लिए एक हो जाता है । यह संविधान का प्रभाव है। आर्टिकल 14 में समानता का अधिकार और 19 में अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का उल्लेख है , जो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को शक्ति प्रदान करता है । स्वाधीनता संग्राम के समय तक प्रेस एक्ट लागू होने के कारण किसी की बात अच्छी न लगने पर उसे जेल जाना पड़ता था । बाल गंगाधर तिलक , सुभाष चंद्र बोस और गांधी जी को इसका परिणाम भुगतना पड़ा था , किंतु अब हम स्वतंत्र हैं । उन्होंने बच्चों की प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए अपने विद्यार्थी जीवन को याद किया और बच्चों से कहा कि आज आपने अपने कार्यक्रम से मुझे मेरे विद्यार्थी जीवन से जोड़ दिया । बच्चों आप लोगों ने अपने कार्यक्रम से देश की शक्तियों एवं विकास से परिचित कराया किंतु कुछ चुनौतियां अभी भी हैं । हिमाचल और सारंडा के अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने बच्चों से स्वावलंबी बनने एवं कम से कम दो लोगों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेने का आग्रह किया ।
विशिष्ट अतिथि श्री सतवीर सिंह राजा ने कहा कि भारतीय गणतंत्र की खूबसूरती यह है कि इसमें सभी को समान अधिकार एवं स्वतंत्रता प्राप्त है । यह समाज में वर्ग, .जाति , धर्म पर आधारित द्वेष को समाप्त करने की शक्ति रखता है ।
विद्यालय के प्राचार्य सह झारखंड जोन आई के सहायक क्षेत्रीय अधिकारी डॉक्टर जी . एन . खान ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें गणतंत्र को अपने आचरण में लाने का प्रयास करना चाहिए । संप्रभुता संपन्न गणराज्य की अवधारणा सहज ही साकार नहीं हुई , अपितु इस हेतु सतत् परिश्रम करना पड़ा है।संविधान समितियां ने अंबेडकर साहब के नेतृत्व में आहार्निश परिश्रम कर इसे फलीभूत किया । कई देशों के संविधान का अध्ययन एवं लगातार विमर्श के बाद इसे लिपिबद्ध किया गया । उन्होंने तिरंगा निर्माण समिति में जे. बी .कृपलानी के योगदान की चर्चा की । 26 जनवरी के ही दिन को चुने जाने के पीछे 26 जनवरी 1930 के कांग्रेस अधिवेशन में संकल्प की चर्चा करते हुए बताया कि इसे 26 नवंबर 1949 को पूरा कर लिया गया किंतु 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया । यह विश्व का सबसे बड़ा संविधान है । लोकतंत्र की जननी कहा जाने वाला पहले अमेरिका भी महिलाओं को मत का अधिकार नहीं दिया था , किन्तु बाद में इसमे सुधार किया , जबकि हमारे यहां हर महिला अपने मताधिकार के लिए स्वतंत्र है । हमारा संविधान लचीला भी है और कठोर भी । इसमें हमारे मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों का महत्वपूर्ण उल्लेख है । प्राचार्य जी ने संविधान निर्माता एवं शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आज हम स्वतंत्र क्षितिज के नीचे खुली हवा में सांस ले रहे हैं तो यह हमारे शहीदों का हम पर किया गया उपकार है । इसे हमें याद रखना चाहिए । उन्होंने अब्दुल कलाम को याद करते हुए उनके कथन – “1930 तक भारत विकसित राष्ट्र बन जाएगा ” । को पूरा करने हेतु बच्चों से पूर्ण मनोयोग से राष्ट्र सेवा करने को कहा ।
इस अवसर पर गढ़वा सदर हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉक्टर एस .के . मिश्रा , श्री बृजेश शुक्ला सपत्नीक , श्री बलराम उरांव , सूबेदार शिबू सोरेन , हवलदार बिरसा उराँव उपस्थित थे । कार्यक्रम संचालन शिक्षिका मिनाक्षी करण , श्री जितेंद्र तिवारी , श्रीमती प्रतिमा वर्मा , सुश्री सुदेशना राय ने किया । धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ शिक्षक आलोक कुमार ने किया । कार्यक्रम का समापन शांति पाठ के साथ हुआ मिष्ठान्न वितरण के पश्चात सभी ने प्रस्थान किया ।
